राजधानी दिल्ली के खेल मैदान में आयोजित हुए राष्ट्रमंडल खेल घोटाले के मामले में आखिरकार एक दशक के बाद सुनवाई शुरू होगी। साल 2010 में आयोजित हुए राष्ट्रमंडल खेलों में कई तरह के प्रबंध करने के दौरान अनियमितताएं बरती गई थीं और 600 करोड़ का घोटाला हुआ था और अब इस मामले में लगभग 11 साल बाद सुनवाई शुरू हो रही है। सूत्रों के मुताबिक अगले महीने आयोजन समिति के पूर्व सदस्यों और अन्य के खिलाफ मुकदमा शुरू किया जाएगा।
CBI की एक विशेष अदालत ने 25 जनवरी को आरोपपत्र पर संज्ञान लिया है, जिसे एजेंसी ने प्रस्तुत किया था। राष्ट्रमंडल खेलों की आयोजन समिति के सदस्य ए.के. सक्सेना, राजेंद्र प्रसाद गुप्ता, सुरजीत लाल और के उदय कुमार रेड्डी के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दें दी गई है। एजेंसी ने जीएल मेरोफॉर्म के तत्कालीन निदेशक बीनू नानू, वायुसेना के पूर्व कप्तान और आपूर्तिकर्ता प्रवीण बख्शी और कम्फर्ट नेट ट्रेडर्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक संदीप वाधवा को भी आरोपी बनाया है।
आपको बता दें कि ये मामला राष्ट्रमंडल खेलों के लिए सामान की आपूर्ति से संबंधित है, जिसे कथित तौर पर अत्यधिक दरों पर खरीदा और किराए पर लिया गया था। इससे सरकारी खजाने को भारी नुकसान हुआ था।
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