India News (इंडिया न्यूज) : चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) की सफलता के बाद इसरो अब सौर मिशन करेने के लिए पूरी तरह से तैयार है। सूर्य का अध्ययन करने के लिए इसरो दो सितंबर 2023 को आदित्य एल 1 (Aditya L1) को श्रीहरिकोटा से लॉन्च करने जा रहा है। आपको बता दें कि, यह भारत का पहला सूर्य से जुड़ा मिशन है।
आदित्य एल 1 को राजस्थाान के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर से पीएसएलवी रॉकेट से लॉन्च करेंगे। (आदित्य एल -1) 15 लाख किमी का सफर तय कर सूर्य के कक्षा में प्रवेश करेगा। आदित्य एल 1 को सफर पूरा करने में 127 दिन लगने का अनुमान है। वैज्ञानिक इसको अण्डाकार कक्षा में स्थापित करेंगे, जिससे वह वैज्ञानिकों को सूर्य से जुड़ी सटीक जानकारी देने में सहायता करेगा। आदित्य-एल1 सूर्य के आस-पास हो रही गतिविधियों का अध्ययन करेगा और सूर्य से जुड़ी रियल टाइम जानकारी भी साझा करेगा।
आदित्य-एल1 मिशन सूर्य से जुड़ी जानकारी जुटाने और अध्ययन करने के लिए लॉन्च किया जाएगा। इसे विजिबल एमिशन लाइन कोरोनाग्राफ (वीईएलसी) से लैस किया गया है। जिससे यह सूर्य की इमेजिंग और स्पेक्ट्रोस्कोपी करने में सक्षम है। इसके अलावा इसमें छह और उपकरण हैं, जिससे यह सूर्य के विज्ञान का पता लगा सके। आदित्य-एल1 से सूर्य के क्रोमोस्फीयर और कोरोना का भी अध्ययन किया जाएगा।
इसके लिए बेंगलुरु स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एस्ट्रोफिजिक्स (आईआईए) ने विजिबल एमिशन लाइन कोरोनाग्राफ को बनाया है। इंटर-यूनिवर्सिटी सेंटर फॉर एस्ट्रोनॉमी एंड एस्ट्रोफिजिक्स पुणे ने सोलर अल्ट्रावॉयलेट इमेजर बनाया है, जिससे आदित्य-एल 1 को सोलर विंड का अध्ययन करने में सहायता मिलेगा। इससे यह सूर्य से उत्नन होने वाले फ्लेयर्स के बारे में अध्ययन कर सकेगा। आदित्य-एल 1 के कण डिटेक्टर और मैग्नेटोमीटर सूर्य के चुंबकीय क्षेत्र का अध्ययन करेंगे।
वैज्ञानिकों के अनुसार सूर्य का L1 कक्षा बेहद अहम है। यहां से आदित्य एल 1 बिना किसी बाधा के सूर्य का अध्ययन और जानकारी देने में सहायता करेगा। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी (NASA) लंबे समय से सूर्य से जुड़ी हर जानकारी को जुटा रहा है, फिलहाल (NASA) का उपग्रह SOHO सूर्य का अध्ययन करने में सहायता कर रहा है।