India News (इंडिया न्यूज़) : मणिपुर की घटना पर पूरा देश आक्रोशित है। मणिपुर की घटना का असर सदन के मानसून सत्र के दरम्यान भी दिख रहा है। सारे विपक्षी दल एकजुट होकर इस मुद्दे पर सदन में बहस की मांग कर रहे हैं ,विपक्षी नेताओं की मांग है कि पीएम खुद सदन में आकर इस मुद्दे पर बयान दें। इस मुद्दे पर ताजा बयान राघव चड्ढा का सामने आया है। आप सांसद राघव चड्ढा ने कहा है कि भाजपा मणिपुर में हो रहे अत्याचारों, हैवानियत को छुपाना चाहती है। मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू होना चाहिए और केंद्र सरकार को अपनी ज़िम्मेदारी निभाते हुए राज्य में अमन, शांति और भाईचारा बहाल करना चाहिए…जिस तरह सांसदों को निलंबित किया जा रहा है उसका हम विरोध करते हैं।
आगे केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए राघव ने कहा है कि भाजपा के खिलाफ जो भी सांसद आवाज़ उठा रहे हैं उन्हें निलंबित कर दिया जा रहा है। विपक्षी दलों की एक ही मांग है कि हम मणिपुर मुद्दे पर चर्चा चाहते हैं। दुख की बात है कि इस मुद्दे की चर्चा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हो रही है लेकिन भारत में नहीं हो रही… मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह को हटाया जाना चाहिए और राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाया जाना चाहिए… आम आदमी पार्टी पूरे देश में मणिपुर का मुद्दा उठाने जा रही ।
बता दें, मणिपुर मुद्दे पर आज भी संसद में हंगामा जारी है। लोकसभा की कार्रवाई पहले दोपहर 12 बजे तक स्थगित हुई फिर 2 बजे तक स्थगित की गई। लोकसभा के सांसद बाहर आए तो मीडिया ने संसद ना चलने पर सांसदों पर प्रतिक्रिया मांगी। जिसपर प्रतिक्रिया देते हुए मनोज तिवारी ने कहा कि वे (विपक्ष) संसद में चर्चा नहीं करना चाहते हैं। अपने नाम में I.N.D.I.A का इस्तेमाल करके उन्होंने दिखाया है कि यूपीए और कांग्रेस जैसे नामों के प्रति उनकी नापसंदगी है। संजय सिंह के निलंबन पर उन्होंने कहा, “वह (संजय सिंह) उच्च सदन में पहुंच गए हैं लेकिन उनका व्यवहार ‘सड़क का लफंगा’ जैसा है, उन्हें संसद के अंदर नियमों का पालन करना चाहिए।
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