India News Delhi (इंडिया न्यूज़), Diplomacy: वर्तमान समय में भारत की कूटनीति (Diplomacy) का डंका हर तरफ बज रहा है। चाहे वो अमेरिका के प्रतिबंधों के बाद रूस से तेल खरीदना हो या ये हथियार। भारत बड़ी ही आसानी से हैंडल कर रहा है।
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को अपने रूसी समकक्ष व्लादिमीर पुतिन से बात की और उन्हें पांचवें कार्यकाल के लिए रूसी संघ के राष्ट्रपति के रूप में फिर से चुने जाने पर बधाई दी। वहीं, इसके तुरंत बाद पीएम मोदी ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की को भी फोन किया। उन्होंने यूक्रेनी राष्ट्रपति से बातचीत के जरिए युद्ध का समाधान निकालने को भी कहा।
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से फोन बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा, भारत और रूस के बीच खास दोस्ती और रणनीतिक साझेदारी है। हम आने वाले वर्षों में इसे और मजबूत करने के लिए काम करना जारी रखेंगे। वहीं, भारत-यूक्रेन साझेदारी को मजबूत करने पर राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की के उन्होंने चर्चा की। इस दौरान PM ने कहा भारत ने हमेशा शांति और युद्ध की शीघ्र समाप्ति का समर्थन किया है। हम हमेशा मानवीय सहायता जारी रखेंगे।
बता दें कि भारत ने फरवरी 2022 में रूस के पूर्ण पैमाने पर आक्रमण के साथ शुरू हुए संघर्ष को हल करने के लिए कूटनीति और चर्चा पर जोर दिया है। विदेश मंत्रालय ने एक प्रेस ब्रीफिंग में कहा, भारत चाहता है कि चर्चा हो, कूटनीति हो, लगातार बातचीत हो ताकि दोनों पक्ष एक साथ आ सकें और शांति पा सकें।
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भारत ने हमेशा रूस-यूक्रेन युद्ध में नागरिकों की हत्या की निंदा की है और संघर्ष के शांतिपूर्ण अंत का आह्वान किया है। भारत के प्रधानमंत्री ने साल 2022 में उज्बेकिस्तान में एससीओ शिखर सम्मेलन के मौके पर राष्ट्रपति पुतिन से कहा था कि यह युद्ध का युग नहीं है। ये बात भारत की अध्यक्षता में हुए G20 के घोषणापत्र में भी लिखी गई थी। यह उभरते भारत की कूटनीति है जो दो जानी दुश्मनों का साथ लेकर चल रहा है।
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