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6 बार बनीं विश्व चैंपियन, 2012 में भारत को दिलाया ओलंपिक मेडल, पढ़ें मुक्केबाज मैरी कॉम की कहानी

• LAST UPDATED : January 25, 2024

India News(इंडिया न्यूज़),Mary Kom announced retirement: दिग्गज बॉक्सर मैरी कॉम ने संन्यास का ऐलान कर दिया है। बता दें, अंतर्राष्ट्रीय मुक्केबाजी संघ (IABA) के नियम के अनुसार पुरुष और महिला मुक्केबाजों को केवल 40 साल की आयु तक ही प्रतियोगिता में लड़ने की अनुमति देते हैं। ऐसे में उन्हें संन्यास की घोषणा करनी पड़ी है। मालूम हो, एक कार्यक्रम के दौरान, 41 वर्षीय मैरी ने स्वीकार किया कि उनमें अभी भी बड़े स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने की भूख है, लेकिन उम्र सीमा के कारण उन्हें अपने करियर पर रोक लगाना होगा।

जानकारी दें, मैरी मुक्केबाजी इतिहास में 6 वर्ल्ड खिताब पर कब्जा करने वाली पहली महिला मुक्केबाज हैं। पांच बार की एशियाई चैंपियन 2014 एशियाई खेलों में गोल्ड मेडल जीतने वाली भारत की पहली महिला मुक्केबाज थीं।

शानदार रहा मैरी कॉम का करियर

बता दें, धाकड़ मुक्केबाज ने लंदन 2012 ओलंपिक खेलों में कांस्य पदक जीता और उनके नाम कई रिकॉर्ड भी दर्ज है। उन्होंने महज 18 साल की उम्र में स्क्रैंटन, पेनसिल्वेनिया में उद्घाटन वर्ल्ड सम्मेलन में खुद को दुनिया के सामने पेश किया था। अपनी मुक्केबाजी शैली से उन्होंने सभी को प्रभावित किया और 48 किग्रा वर्ग के फाइनल में जगह बनाई।  हालाँकि,फाइनल में वह पिछड़ गईं लेकिन सफलता की छाप छोड़ गईं जो उन्हें भविष्य में मिलने वाली थीं। आने वाले सालों में, वह एआईबीए महिला वर्ल्ड मुक्केबाजी चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीतने वाली पहली भारतीय बनीं। उन्होंने 2005, 2006, 2008 और 2010 सीजन में वर्ल्ड चैंपियनशिप का खिताब जीता। 2008 का खिताब जीतने के बाद, मैरी अपने जुड़वां बच्चों को जन्म देने के बाद ब्रेक पर चली गईं।

2012 ओलंपिक पदक जीतने के बाद मैरी अपने तीसरे बच्चे को जन्म देने के बाद एक बार फिर ब्रेक पर चली गईं। उन्होंने अपनी वापसी की और दिल्ली में आयोजित 2018 वर्ल्ड चैंपियनशिप में शिखर पर अपनी जगह पक्की कर ली। उन्होंने अपने छठे वर्ल्ड खिताब के लिए यूक्रेन की हन्ना ओखोटा पर 5-0 से जीत दर्ज की। 1 साल बाद, उसने अपना आठवां वर्ल्ड मेडल जीता, जो किसी भी पुरुष या महिला मुक्केबाज द्वारा सबसे अत्यधिक है।

रिटायरमेंट पर बोली मैरी कॉम

मालूम हो, अपने संन्यास पर मैरी कॉम ने कहा कि “मुझमें अभी भी भूख है लेकिन दुर्भाग्य से उम्र सीमा खत्म हो जाने के कारण मैं किसी भी प्रतियोगिता में भाग नहीं ले सकती। मैं और खेलना चाहती हूं लेकिन मुझे (उम्र सीमा के कारण) छोड़ने के लिए मजबूर किया जा रहा है। मुझे संन्यास लेना होगा और मैं ऐसा कर रही हूं।”

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