India News (इंडिया न्यूज़) ; मणिपुर की घटना पर पूरा देश आक्रोशित है। मणिपुर की घटना का असर सदन के मानसून सत्र के दरम्यान भी दिख रहा है। सारे विपक्षी दल एकजुट होकर इस मुद्दे पर सदन में बहस की मांग कर रहे हैं ,विपक्षी नेताओं की मांग है कि पीएम खुद सदन में आकर इस मुद्दे पर बयान दें। मणिपुर हिंसा पर स्थिति की गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वहां की जनता तो क्या जनप्रतिनिधि भी हमले का शिकार हुए हैं। हिंसा शुरू होने के दूसरे दिन ही हमले में गंभीर रूप सेे घायल हुए भाजपा विधायक वुंगजागिन वाल्टे जिसके प्रत्यक्ष गवाह हैं।
मणिपुर हिंसा में घायल हुए थे वाल्टे
बता दें, भाजपा विधायक वुंगजागिन वाल्टे मणिपुर हिंसा में घायल हुए थे। लगातार 70 दिनों तक दिल्ली के अपोलो अस्पताल में इलाज कराने के बाद भी सत्ताधारी दल के विधायक व उनके परिजन इस कदर डरे व सहमे हुए हैं कि वे मणिपुर भवन या अन्य सरकारी सुविधा का लाभ लेने से भी हिचकते नजर आ रहे हैं। सामने आई जानकारी के मुताबिक, वाल्टे परिवार समेत दक्षिण दिल्ली के कालकाजी एक्सटेंशन में एक किराए के मकान में छुप कर रह रहे हैं। गौरतलब की बात तो यह है कि दिल्ली में रहते हुए किसी भी भाजपा नेता ने उनसे ना संपर्क नहीं किया है, ना ही कोई हाल चाल जानने आया है।
वाल्टे पर हुआ था जानलेवा हमला
वुंगजागिन वाल्टे के मुताबिक, मणिपुर हिंसा के दौरान हमलावरों ने उनके पिता के सिर पर कई बार तेज धार हथियाराें से हमला किया। उनके चेहरे के साथ-साथ सिर पर भी वार किया था। पीटने के साथ-साथ बिजली का झटका दिया गया। इससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए थे और हालत गंभीर होने के कारण उन्हें इलाज के लिए दिल्ली लाया गया। वह हमले का शिकार होने के दौरान इंफाल में मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह से मुलाकात कर सचिवालय से लौट रहे थे।
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