India News (इंडिया न्यूज़) : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हस्ताक्षर के बाद दिल्ली सेवा अधिनियम कानून बन चुका है। अफसरों के ट्रांसफर / पोस्टिंग का हक़ छीन जाने के बाद दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार और आम आदमी पार्टी लगातार केंद्र की मोदी सरकार पर लगातार हमलावर है। दिल्ली सेवा अधिनियम कानून को लेकर दिल्ली सरकार में मंत्री सौरभ भारद्वाज ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। अपने प्रतिक्रिया में उन्होंने कहा है कि यह कानून संविधान की मूल भावना के खिलाफ है।
संविधान की भावना के खिलाफ है कानून: सौरभ
मंत्री सौरभ भारद्वाज ने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि कई बार ऐसा हुआ है कि सरकार ने संविधान की मूल भावना के खिलाफ कानून पारित किया और सुप्रीम कोर्ट ने उसे पलट दिया। मेरा मानना है कि यह कानून (दिल्ली सेवा अधिनियम) भी संविधान के मूल भावना के खिलाफ है।
#WATCH कई बार ऐसा हुआ है कि देश की सरकार ने संविधान की मूल भावना के खिलाफ कानून पारित किया और सुप्रीम कोर्ट ने उसे पलट दिया। मेरा मानना है कि यह कानून (दिल्ली सेवा अधिनियम) संविधान की मूल भावना के भी खिलाफ है। संविधान कहता है कि सरकार जनता द्वारा चुने हुए प्रतिनिधियों के… pic.twitter.com/ne8v9C5fuB
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 13, 2023
उपराज्यपाल सरकार नहीं चला सकते
आगे सौरभ भारद्वाज ने कहा- “संविधान कहता है कि सरकार जनता द्वारा चुने हुए प्रतिनिधियों के माध्यम से चलेगी। ऐसे में ऊपर से नियुक्त उपराज्यपाल सरकार नहीं चला सकते। यह संभव नहीं है। जब यह मामला अदालत में आता है तो अदालत इस कानून को पलट देंगे और संविधान लागू करेंगे। तब तक अराजकता रहेगी। एलजी मनमाने ढंग से सरकार चलाएंगे और जनता का काम रोक देंगे…यह दिल्ली के लिए दुर्भाग्यपूर्ण होगा।”
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