India News(इंडिया न्यूज़)G20 Dokra Art: जी-20 में छत्तीसगढ़ को अपनी ढोकरा आर्ट को दिखाने का मौका मिला है। यह ढोकरा आर्ट “छत्तीसगढ़ की शान” से जाना जाता है। इस कला की मांग बहुत ज्यादा बढ़ गई है। बता दे कि मूर्तियों की मांग देश और विदेशों में बढ़ गई है। इस आर्ट को आदिवासी शिल्पकारों द्वारा बनाया जाता है। यह शिल्पकला छत्तीसगढ़ का एक महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाता है। जी-20 में ढोकरा आर्ट की मांग जैसी बढ़ती ही जा रही है।
दिल्ली के भारत मंडपन में आपको ढोकरा कला देखने को मिलेगी। दिल्ली में होने वाले G20 के क्राफ्ट बाजार में ढोकरा आर्ट को जगह मिल गया है। बता दे कि बेल मेटल आर्ट भी ढोकरा आर्ट के नाम से ही जाना जाता है। इस कला को जी-20 में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रस्तुत किया जा रहा है। इस आर्ट को पुरे देश विदेश में प्रमोट किया जा रहा है। इस कला के शिल्पकारों ने अपनी विशेषज्ञता को अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रदर्शन कर रहे है। बस्तर और छत्तीसगढ़ के ढोकरा आर्ट को अच्छी खासी जगह मिल गई है।
ढोकरा आर्ट को बहुत बार राष्ट्रीय पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया है। ढोकरा आर्ट देश- विदेश में लोकप्रिय हो गया है। बस्तर की बेल मेटल, काष्ठ कला, और ढोकरा आर्ट भारत में बहुत फेमस हैं, खासकर ढोकरा आर्ट की मूर्तिया बहुत फेमस है। इसमें विभिन्न देवी-देवताओं, पशुओं, और प्राकृतिक आकृतियों का चित्रण होता है। हाथी, घोड़ा, हिरण, नंदी, गाय, और मानव आकृतियां अक्सर दिखाई जाती हैं। इसके अलावा, शेर, मछली, कछुआ, मोर जैसे प्राकृतिक तत्वों की भी मूर्तियां बनाई जाती हैं। ढोकरा आर्ट को बनाने के लिए बहुत मेहनत और करीब 15 प्रक्रियाएं जरूरी होती हैं।
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