India News (इंडिया न्यूज़) : हिंदी भाषा को भारत में मां के रूप में जाना जाता है। हिन्दी न केवल भारत जबकि कई अन्य देशों में भी बोली जाती है। विदेशों में बसे भारतीयों को हिंदी भाषा एक दूसरे से जोड़ने का काम करती है। इस कारण वर्ष में दो बार हिन्दी दिवस मनाया जाता है। हिंदी दिवस को साल में दो बार मनाया जाता है। पहला जनवरी महीने में तो दूसरा सितंबर महीने में। तो आइये जानते हैं ‘हिंदी दिवस का इतिहास और महत्व’।
बता दें, देश में 22 भाषाएं और उनकी 72507 लिपी हैं। एक देश में इतनी सारी भाषाओं और विविधताओं के बीच हिंदी वो भाषा है जो हिंदुस्तान को जोड़ती है। भारत में 28 राज्य और 8 केंद्र शासित प्रदेश हैं। सभी राज्यों में बसे आमजन को हिंदी के महत्व से जागरूक करने और इसके प्रचार-प्रसार के लिए भारत हिंदी दिवस सेलिब्रेट करते हैं। हिंदी दिवस इसलिए मानते हैं क्योंकि रोजमर्रा के जीवन में हिन्दी का उपयोग कम ना हो। इसलिए भारत में हिंदी को बढ़ावा देने और इसी के साथ ही पीढ़ियो को हिन्दी के प्रति प्रेरित करने के लिए हर साल सितंबर महीने में हिन्दी दिवस मनाया जाता है।
बता दें, भारत में हिंदी दिवस मनाने की शुरुआत आजादी के बाद हुई।लेकिन इस दिन की नींव स्वतंत्रता दिवस से पहले 1946 में रख दी गई थी। उस साल पहली बार 14 सितंबर के दिन संविधान सभा ने देवनागरी लिपी में लिखी हिंदी को भारत की आधिकारिक भाषा के रूप में स्वीकार किया। तब भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरु की सरकार बनने पर 14 सितंबर को हिंदी दिवस के तौर पर मनाने का निर्णय लिया गया। तब पहला आधिकारिक हिंदी दिवस 14 सितंबर 1953 को मनाया गया था। उसके बाद से हर वर्ष 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाते हैं।
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