India News (इंडिया न्यूज़) Maa siddhidatri : आदि शक्ति मां भवानी की नौवीं शक्ति का नाम सिद्धिदात्री है। नवरात्रि पूजन के नौवें दिन इनकी पूजा की जाती है। मां का यह स्वरूप सभी सिद्धियां प्रदान करता है। मां सिद्धिदात्री की पूजा करने से सभी सिद्धियां प्राप्त होती हैं और सभी लौकिक एवं पारलौकिक मनोकामनाएं भी पूरी होती हैं।
मां सिद्धिदात्री का स्वरूप अत्यंत दिव्य है। माता का वाहन सिंह है और देवी भी कमल के फूल पर विराजमान रहती हैं। उनकी चार भुजाएं हैं, निचले दाएं हाथ में चक्र, ऊपर वाले हाथ में गदा, निचले बाएं हाथ में शंख और निचले बाएं हाथ में कमल का फूल। सिद्धिदात्री माता को देवी सरस्वती का ही रूप माना जाता है। मेरी माँ को बैंगनी और लाल रंग बहुत पसंद है। माता सिद्दात्री की कृपा से भगवान शिव का आधा शरीर देवी में परिवर्तित हो गया और उन्हें अर्धनारीश्वर नाम दिया गया।
सबसे पहले कलश की पूजा करनी चाहिए और वहां मौजूद सभी देवी-देवताओं का ध्यान करना चाहिए। लोली, मवेली, कुमकेम, पॉश चुनरी आदि के साथ-साथ वे अपनी माताओं की भी आदरपूर्वक पूजा करते हैं। देवी को हलवा, पूरी, खीर, चने और नारियल का भोग लगाएं। इसके बाद माता मंत्र का जाप करना चाहिए। इस दिन नौ लड़कियों और एक लड़के को घर पर भोजन करना था। लड़कियों की उम्र 2 से 10 साल के बीच होनी चाहिए और उनकी संख्या कम से कम 9 होनी चाहिए।
मां सिद्धिदात्री का पूजा मंत्र
सिद्धगन्धर्वयक्षाद्यैरसुरैरमरैरपि।
सेव्यमाना सदा भूयात सिद्धिदा सिद्धिदायिनी।।
also read ; Maa Katyayani : आज नवरात्रि का छठा दिन, ऐसे करें मां कात्यायनी को प्रसन्न