India News (इंडिया न्यूज़) : मणिपुर की घटना पर पूरा देश आक्रोशित है। मणिपुर की घटना का असर सदन के मानसून सत्र के दरम्यान भी दिख रहा है। सारे विपक्षी दल एकजुट होकर इस मुद्दे पर सदन में बहस की मांग कर रहे हैं ,विपक्षी नेताओं की मांग है कि पीएम खुद सदन में आकर इस मुद्दे पर बयान दें। आज यानि शनिवार को विपक्षी सांसदों का प्रतिनिधिमंडल वहां के हालात का जायजा लेने मणिपुर पहुंच गया है। इस प्रतिनिधिमंडल में अलग-अलग दलों के कुल 21 सांसद शामिल हैं। यह सभी नेता हिंसा प्रभावित इलाकों और राहत शिविरों का दौरा कर पीड़ितों से मिलेंगे और हालात का जायजा लेंगे।
बता दें, मणिपुर पहुंचे विपक्षी सांसदों पर दिल्ली भाजपा के पूर्व अध्य्क्ष और सांसद मनोज तिवारी ने निशाना साधा है। मनोज तिवारी ने कहा है कि यह उनका सियासी पर्यटन। उन्होंने कहा है कि विपक्ष के दौरे से वहां हालात सुधरने के बजाये बिगड़ेंगे। भाजपा नेता ने यह भी कहा है कि विपक्ष मणिपुर को लेकर गंभीर नहीं हैं। ये विपक्षी दल राजस्थान नहीं जाता, जहां मंत्री खुद ही कह चुका है कि रेप में राजस्थान नंबर वन है।
बता दें, इसी हप्ते संसद में विपक्ष के हंगामे से सदन के स्थगित होने पर मीडीया से हुई बातचीत के दौरान मनोज तिवारी ने विपक्षी दल के सांसदों को नामर्द तक कह दिया। वे इस बात से बेहद नाराज थे कि विपक्ष मणिपुर पर चर्चा करने के बजाए संसद के बाहर विरोध प्रदर्शन कर रहा हैं। मालूम हो, संजय सिंह के निलंबन पर भी विवादित बयान देते हुए मनोज तिवारी ने कहा था “वह (संजय सिंह) उच्च सदन में पहुंच गए हैं लेकिन उनका व्यवहार ‘सड़क का लफंगा’ जैसा है, उन्हें संसद के अंदर नियमों का पालन करना चाहिए।
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