India News (इंडिया न्यूज़) : पीएम मोदी कल यानि 17 सितम्बर को अपने जन्मदिन और विश्वकर्मा पूजा के मौके पर विश्वकर्मा योजना की शुरुआत करेंगे। इस योजन की कुल लागत 13,000 करोड़ रुपये बताई जा रही है। मिलीन जानकारी के मुताबिक, परंपराओं, संस्कृतियों, स्थानीय उत्पादों, कला-शिल्प की समृद्ध विरासत को संरक्षित करने और कारीगरों व शिल्पकारों को कर्ज देने के लिए केंद्र सरकार ने पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत 13,000 करोड़ रुपये आवंटित किए है। जहां पीएम मोदी विश्वकर्मा जयंती पर यानी रविवार को इस योजना का शुभारंभ करेंगे। बता दें कि, इस योजना के तहत पारंपरिक शिल्पकारों व कारीगरों को तीन लाख रुपये का कर्ज दिया जाएगा।
इस योजना के शुरुआत से पहले पीएम कार्यालय ने जानकारी दी है कि इस योजना का लाभ उन्हीं कारीगरों को मिलेगा, जिन्होंने बायोमीट्रिक आधारित पीएम विश्वकर्मा पोर्टल पर पंजीकरण करा रखा है। इन कारीगरों व शिल्पकारों को पीएम विश्वकर्मा प्रमाणपत्र और आईडी कार्ड के रूप में मान्यता मिलेगी। मालूम हो, इसमें बढ़ई, लोहार, सुनार, राजमिस्त्री, नाई, धोबी, दर्जी, मूर्तिकार, पत्थर तराशने वाले, मोची/जूता बनाने वाले कारीगर, खिलौना निर्माता, हथौड़ा और टूलकिट निर्माता व अन्य श्रेणी के लोग आते है।
साथ ही, वित्त मंत्रालय ने 15000 के प्रोत्साहन को लेकर भी स्थिति स्पष्ट कर दी है। वित्त मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा है कि इस योजना में लाभार्थियों को 15 हजार रुपये का टूलकिट प्रोत्साहन प्रदान किया जाएगा। वहीँ, योजना में बुनियादी और उन्नत प्रशिक्षण दोनों के माध्यम से कौशल वृद्धि के लिए पांच प्रतिशत की रियायती दर से एक लाख रुपये और दो लाख रुपये का कर्ज दिया जाएगा।