India News (इंडिया न्यूज़) : भगवान शिव का अतिप्रिय मास सावन का महीना अब धीरे -धीरे समाप्ति की ओर है। इस बार 19 साल के बाद ऐसा संयोग बना कि सावन 59 दिनों का पड़ा है। साथ ही, इस साल सावन में 8 सोमवार पड़े हैं। अब तक तो सावन मास के 7 सोमवार बीत चुके हैं। अब सावन का आठवां सोमवार यानि 28 अगस्त को है। ज्योतिष के मुताबिक,आठवां सावन सोमवार व्रत बड़ा ही शुभ फलदायी है। ज्योतिष के मुताबिक, अंतिम सोमवार के दिन प्रदोष व्रत पर 5 शुभ संयोग भी बन रहे हैं। ऐसे में जानें इस योग में रुद्राभिषेक और पूजा विधि का शुभ समय।
ज्योतिष के मुताबिक, सावन का आखिरी प्रदोष व्रत सोम प्रदोष व्रत होगा। इस दिन सावन का अंतिम सोमवार, आयुष्मान योग, सौभाग्य योग, सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग का शुभ संयोग है। बताया जा रहा प्रदोष शिव पूजा सौभाग्य योग में होगी। प्रदोष व्रत सभी प्रकार के दोषों को दूर करता है और मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। बता दें, त्रयोदशी तिथि में देवों के देव महादेव की पूजा सूर्यास्त के बाद करने का विधान है। इस दिन सावन सोमवार और प्रदोष व्रत का संयोग है इसलिए रुद्राभिषेक के लिए यह दिन बहुत ही उत्तम है।
-सावन के छठे सोमवार पर सुबह स्नान के बाद व्रत और शिवजी की पूजा का संकल्प लें।
-सुबह शुभ मुहूर्त में किसी शिव मंदिर में जाकर या घर ही शिवलिंग की विधि पूर्वक पूजा अर्चना करें।
-गंगाजल या दूध से शिवजी का अभिषेक करें।
-इसके बाद भगवान शिव शम्भू को को चंदन, अक्षत, सफेद फूल, बेलपत्र, भांग की पत्तियां, शमी के पत्ते, धतूरा, भस्म और फूलों की माला अर्पित करें।
-इसके बाद शिव जी शहद, फल, मिठाई, शक्कर, धूप-दीप अर्पित करें।
-शिव चालीसा का पाठ और सोमवार व्रत कथा का पाठ करें।
-आखिर में शिवलिंग के समक्ष घी का दीपक जलाएं और भोलेनाथ की आरती करें।
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