India News(इंडिया न्यूज़), Old Fort of Delhi: दिल्ली देश की राजधानी है। दिल्ली में पर्यटकों के घूमने के लिए कई जगहें हैं। पर्यटक टूरिस्ट विदेश से दिल्ली घूमने आते हैं। पर्यटक दिल्ली में कई ऐतिहासिक किले देख सकते हैं। यह किला अपने आप में प्राचीन इतिहास को समेटे हुए है। पुराने समय में दिल्ली के पर्यटकों को दिल्ली की एक अलग तरह की संस्कृति देखने को मिलती है। चांदनी चौक को देखना पर्यटक बहुत पसंद करते है।
यहां घूमने लायक जगहें भी हैं। पर्यटक धार्मिक चौक में घूमने के साथ-साथ विभिन्न प्रकार के स्वादिष्ट भोजन भी थोक में खरीद सकते हैं। चांदनी चौक के ठीक सामने आपको लाल किला दिखाई देगा। पर्यटक लाल किला भी देख सकते हैं। यहां हम आपको लाल किले के बारे में नहीं बल्कि दिल्ली के पुराने किले के बारे में बता रहे हैं। क्या आप दिल्ली का पुराना किला देखने गए हैं? आइये जानते हैं पुराने किले के बारे में।
दिल्ली में पुराना किला प्रगति मैदान के पास है। इस किले के चारों तरफ आपको हरियाली नजर आएगी। यह किला काफी बड़ा है और आपको यहां किले का अनौपचारिक नजारा देखने को मिलेगा। यह किला लगभग दो किलोमीटर दूर है। पुराने किले के बड़े दरवाजे और कारखाने हुमायूँ ने 1534 ई. में बनवाये थे। राजधानी का नाम नई दीनपनाह रखा गया। हुमायूँ को हराने वाले शेरशाह सूरी ने पुराने किले में कुछ नई मूर्तियाँ बनवाईं। पुराने किले में हर शाम बी साउंड एंड लाइट शो का आयोजन किया जाता है।
पुराने किलों में अधिकतर मुगल काल की इमारतें हैं। यह किला इंद्रप्रस्थ नामक स्थान पर है जो कभी पांडवों की राजधानी थी। किले की सजावट से नीचे की ओर हुमायूँ की मृत्यु हो गई। किले में तीन मस्जिदों से प्रवेश द्वार हैं। पश्चिम में एक बड़ा दरवाज़ा है और दक्षिण में हुमायूँ का दरवाज़ा है। इसे दिल्ली का सबसे बड़ा किला माना जाता है। इस किले के अंदर कुंती देवी का मंदिर भी है। कहा जाता है कि पौराणिक काल में पांडव यहां रहने आये थे। इस किले का संबंध पांडव काल से है और इसे पांडवों का किला भी कहा जाता है।
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