ट्रेंडिंग न्यूज़

Bhagwan Shiv: भगवान शिव ने मगरमच्छ बनकर क्यों ली थी माता पार्वती की परीक्षा, पढ़ें ये रोचक कहानी

India News(इंडिया न्यूज़), Bhagwan Shiv: हिंदू धर्म में भगवान शिव और पार्वती की जोड़ी को प्रासंगिक माना जाता है। आज भी शादीशुदा जोड़े शिव और पार्वती को अपना आदर्श मानते हैं। क्या आप जानते हैं कि भगवान शिव ने विवाह से पहले पार्वती की परीक्षा ली थी? पार्वती की परीक्षा लेने के लिए शिव ने मगरमच्छ का रूप धारण किया। पौराणिक कथाओं के अनुसार, जब माता पार्वती भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए तपस्या कर रही थीं। तब माता पार्वती की कठिन तपस्या को देखकर देवता स्वयं पर नियंत्रण नहीं रख सके और सभी देवता भगवान शिव के पास माता पार्वती की इच्छा शीघ्र पूरी करने की प्रार्थना करने पहुंचे।

इस प्रकार शिव जी ने परीक्षा ली

पौराणिक कथाओं के अनुसार, माता पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए सैकड़ों वर्षों तक कठोर तपस्या की थी। उनकी तपस्या को देखकर देवताओं ने भगवान शिव से देवी पार्वती की इच्छा पूरी करने की प्रार्थना की। इसके बाद भोलेनाथ ने पार्वती जी की परीक्षा लेने के लिए सप्तर्षियों को भेजा। इस परीक्षा के दौरान सप्तऋषियों ने भगवान शिव के कई अवगुण बताए और माता पार्वती से भगवान शिव से विवाह न करने को कहा, लेकिन माता पार्वती अपने फैसले से टस से मस नहीं हुईं। इस पर भोलेनाथ ने स्वयं माता पार्वती की
परीक्षा लेने का निर्णय लिया।

भगवान शंकर उनके सामने प्रकट हुए

माता पार्वती की तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शंकर उनके सामने प्रकट हुए और उन्हें वरदान देकर अंतर्ध्यान हो गये। कुछ देर बाद एक मगरमच्छ ने एक लड़के को पकड़ लिया और लड़का मदद के लिए पुकारने लगा। बालक की आवाज सुनकर पार्वती जी नदी तट पर पहुंचीं और उनका हृदय द्रवित हो गया। इसी बीच बालक ने माता पार्वती की ओर देखकर कहा कि मेरी न तो माता है, न पिता कृपया मेरी रक्षा करें।

मगरमच्छ बनकर ऐसे ली थी परीक्षा

इस पर पार्वती जी ने मगरमच्छ से कहा कि इस बालक को छोड़ दो। इस पर मगरमच्छ ने कहा कि दिन के छठे पहर में जो कुछ भी मिलता है, उसी से भोजन बनाना मेरा नियम है। पार्वती जी के अनुरोध पर मगरमच्छ ने बालक को छोड़ने के बदले में पार्वती जी की तपस्या से प्राप्त वरदान का इनाम मांगा। पार्वती जी इस पर सहमत हो गईं। मगरमच्छ ने बच्चे को छोड़ दिया और तेजस्वी बन गया। अपनी तपस्या का फल दान करके पार्वती जी ने बच्चे को बचा लिया और एक बार फिर भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए तपस्या करने बैठ गईं।

इस पर भोलेनाथ फिर प्रकट हुए और बोले कि तुम अब क्यों तपस्या कर रहे हो, मैं तुम्हें पहले ही दान दे चुका हूं। इस पर पार्वती जी ने कहा कि वह अपनी तपस्या का फल दान कर देंगी। शिवजी प्रसन्न हो गये और बोले कि मगरमच्छ और बालक दोनों के रूप में मैं ही हूँ। मैं तुम्हारी परीक्षा कर रहा था कि तुम्हारा मन प्राणियों में अपना सुख-दुःख अनुभव करता है या नहीं। मैंने तो आपकी परीक्षा लेने के लिये ही यह लीला रची थी। मैं ही एकमात्र सत्य हूं जो अनेक रूपों में प्रकट होता है। मैं निराकार हूं, अनेक शरीरों में दिखाई देता हूं। इस प्रकार पार्वती भगवान शिव की परीक्षा में उत्तीर्ण हुईं और उनकी अर्धांगिनी बन गईं।

ये भी पढ़े:
Nidhi Jha

Journalist, India News, ITV network.

Recent Posts

Delhi News : दिल्ली में विधानसभा चुनाव से पहले विशेष मतदाता पुनरीक्षण अभियान शुरू

India News Delhi (इंडिया न्यूज़),Delhi News : देश की राजधानी दिल्ली में मंगलवार से विशेष…

4 weeks ago

Delhi News: मजदूर ने मांगी मजदूरी, कंपनी के मालिक ने पीट-पीटकर ले ली जान

India News Delhi (इंडिया न्यूज़),Delhi News : देश की राजधानी दिल्ली में फरीदाबाद जिले में…

4 weeks ago

Excise Policy Case: CM अरविंद केजरीवाल को नहीं मिली राहत, फिर बढ़ी न्यायिक हिरासत

India News Delhi (इंडिया न्यूज़),Excise Policy Case: देश की राजधानी दिल्ली की एक अदालत ने…

4 weeks ago

Eating Non-Veg Foods: लंबे ब्रेक के बाद नॉन वेज खाने की सोच रहे हैं? इन सावधानियों से बचें

India News Delhi (इंडिया न्यूज़),Eating Non-Veg Foods: लंबे समय तक शाकाहारी रहने के बाद अचानक…

4 weeks ago

Delhi News: इतने करोड़ रुपये की लागत से बनेगा भारत वंदना पार्क,सांस्कृतिक विविधता के होंगे दर्शन

India News Delhi (इंडिया न्यूज़),Delhi News: गंगा मां के किनारे बसा बनारस हो या पटना…

4 weeks ago

Home Remedies for Glowing Skin: चेहरे को बेदाग और ग्लोइंग बनाने के लिए इन 3 सुपरफूड्स का रोजाना खाएं

India News Delhi (इंडिया न्यूज़),Home Remedies for Glowing Skin: एक सुंदर और निखरी त्वचा की…

4 weeks ago