Friday, July 5, 2024
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Bholenath: भगवान शिव के गले में क्यों लिपटा रहता है नाग, जानिए ये रोचक कहानी

India News(इंडिया न्यूज़), Bholenath: भोलेनाथ के स्वरूप की बात करें तो वह अपने शरीर को बाघ की छाल से ढंकते हैं, उनकी जटाओं में मां गंगा का वास है, वह सिर पर चंद्रमा और गले में नागराज को धारण करते हैं। आइये जानते हैं भगवान शिव अपने गले में नागराज क्यों धारण करते हैं?

शिव का नागों से अटूट रिश्ता

भगवान शिव के गले में लिपटे हुए दिखाई देने वाले नाग का नाम वासुकि है। जो भगवान शिव के बहुत प्रिय भक्त हैं। ऐसा कहा जाता है कि नागवंशी लोग शिव के क्षेत्र हिमालय में रहते थे और भगवान शिव को उन सभी से बहुत प्रेम था। है। कथा के अनुसार हिमालय में नाग वंश के लोग रहते थे, जो भगवान शिव के बहुत शौकीन थे। उनमें से एक नागराज वासुकि भगवान शिव के बहुत बड़े भक्त थे। इसका प्रमाण नागेश्वर ज्योतिर्लिंग है। जिसके नाम से पता चलता है कि शिव नागों के देवता हैं और शिव का उनसे अटूट रिश्ता है। इसी को देखते हुए हर साल नाग पंचमी का त्योहार मनाया जाता है। इस दिन पूरी श्रद्धा के साथ नागों की पूजा की जाती है। ऐसा करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं।

गले में जीवित रहने का वरदान दिया

नागों के पांच कुल थे जिनके नाम थे शेषनाग (अनंत), वासुकि, तक्षक, पिंगला और कर्कोटक। इनमें से शेषनाग को नागों का प्रथम कुल माना जाता है। इसी प्रकार बाद में वासुकि का जन्म हुआ। जो पूरी श्रद्धा से भगवान शिव की पूजा करती थी। भगवान शिव वासुकी की भक्ति देखकर बहुत प्रसन्न हुए और उसे अपने गले में धारण करने का वरदान दिया। भगवान शिव की भक्ति से मिले इस वरदान के कारण ही भगवान शिव के गले में सांप लिपटा हुआ दिखाई देता है।

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Nidhi Jha
Nidhi Jha
Journalist, India News, ITV network.
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