India News Delhi (इंडिया न्यूज़), Chicken Pox: आज-कल चिकन पॉक्स का खतरा बढ़ते ही जा रहा है। जैसे-जैसे गर्मी का मौसम दस्तक दे रही है वैसे-वैसे चिकन पॉक्स का खतरा बढ़ रहा है। गर्मी अपने साथ कई खतरनाक बीमारियां लेकर आती है। पिछले कुछ दिनों में देश के कई हिस्सों में चिकन पॉक्स के कई मामले सामने आए हैं। चिकन पॉक्स ने कई लोगों को अपनी चपेट में ले लिया है।
चिकन पॉक्स एक संक्रामक बीमारी है और अगर इसके लक्षणों को पहचानकर सही समय पर इलाज किया जाए तो इससे बचा जा सकता है। आप खुद को और अपने परिवार के लोगों को चिकन पॉक्स से बचा सकते हैं, बस कुछ बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है।
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चिकन पॉक्स का सबसे अच्छा इलाज इंजेक्शन के रूप में उपलब्ध है। डॉक्टरों के अनुसार चिकन पॉक्स की बीमारी को दूर रखने के लिए 12 से 15 महीने की उम्र के बच्चों को चिकन पॉक्स का टीका लगवाना चाहिए। इसके अलावा 4 से 6 साल की उम्र के बीच बूस्टर टीका लगवाना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि यह टीका गंभीर चिकन पॉक्स संक्रमण को रोकने में 95 प्रतिशत काम करता है।
चिकन पॉक्स का टीका प्रेगनेंट औरतें और उन लोगों को नहीं लगाना चाहिए जिन्हें जिलेटिन या एंटीबायोटिक नियोमाइसिन से एलर्जी है। साथ ही ये टीका उन लोगों को भी नहीं लगवाना चाहिए जिनका इम्यून सिस्टम खराब हो।
चिकनपॉक्स एक आम संक्रामक बीमारी है, लेकिन अगर इसका सही समय पर इलाज न किया जाए तो यह गंभीर रूप ले सकती है। त्वचा संबंधी संक्रमण के अलावा निमोनिया, डिहाइड्रेशन, दिमागी बुखार यानी एन्सेफलाइटिस, टॉक्सिक शॉक सिंड्रोम जैसी गंभीर बीमारियों से मौत हो सकती है।
जिन लोगों को चिकनपॉक्स होने की सबसे ज्यादा संभावना होती है उनमें शिशु, बच्चे, युवा लोग, गर्भवती महिलाएं और वे लोग शामिल हैं जिन्हें कभी चिकनपॉक्स नहीं हुआ है। इसके अलावा चिकनपॉक्स उन लोगों में भी हो सकता है जो स्पोर क्रेविंग ले रहे हों या वे लोग कीमोथेरेपी या एचआईवी के संपर्क में आए हों।
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