India News(इंडिया न्यूज़), Crops Damage: देशभर में कड़ाके की ठंड के साथ झमाझम बारिश भी देखने को मिल रही है। बारिश के कारण लोगों को हाल बेहाल हैं। ठंड और घने कोहरे की स्थिति को देखते हुए मौसम विभाग ने येलो अलर्ट जारी किया है। वहीं फसलों की बात करें तो बारिश से किसानों को भारी नुकसान होता है। ऐसे में बुआई के बाद खेतों में पानी भरने या भारी बारिश से फसल को भारी नुकसान होता है। इस मौसम में कई हरी सब्जियों के साथ-साथ फलों की भी खेती की जाती है। आपको बता दें कि गेहूं, जौ, आलू, चना, मसूर, अलसी, मटर और सरसों रबी की फसलें हैं और इन फसलों को बारिश में भारी नुकसान होता है।
मौसम विभाग ने ओडिशा, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु, दिल्ली जैसे कई शहरों में हल्की से मध्यम बारिश का अनुमान लगाया गया है। ऐसे में इन राज्यों में रबी फसलों को बहुत ज्यादा नुकसान होता है। मौसम विभाग (IMD) ने महाराष्ट्र, बिहार, झारखंड और बंगाल में बारिश की चेतावनी भी जारी की है।
कृषि विशेषज्ञों के मुताबिक भारी बारिश, तूफान और ओलावृष्टि जैसी स्थितियों से गेहूं की अगेती और पिछैती दोनों फसलों को भारी नुकसान होने की आशंका है। अगेती फसलें लगभग पककर तैयार हो चुकी हैं। इस अवधि में गेहूं की फसल का तना हल्का तथा बालियां भारी हो जाती हैं।
तेज़ हवा चलने पर ये खेतों में बिखर जाते हैं। इससे अनाज का वजन कम हो जाता है और पशुओं का चारा भी नहीं मिल पाता है। कृषि विशेषज्ञों के मुताबिक अगर कुछ दिन और मौसम ऐसा ही रहा तो गेहूं उत्पादन के साथ-साथ चारा उत्पादन पर भी प्रतिकूल असर पड़ेगा। इसमें करीब 25 फीसदी की गिरावट देखी जा सकती है।
राज्यों में लगातार हो रही बेमौसम बारिश के कारण गेहूं की फसल को तो नुकसान हो ही रहा है, लेकिन बागवानी फसलों को इससे भी ज्यादा नुकसान का खतरा है। हालांकि अधिकांश राज्यों में सरसों और चने की फसल की कटाई हो चुकी है, लेकिन बारिश और ओलावृष्टि के कारण केला, आम और आलू जैसी फसलों को नुकसान हो रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यूपी के कई जिलों में गेहूं, सरसों, चना और अरहर की फसल में 40 फीसदी नुकसान का आकलन किया गया है। पंजाब में भी तेज हवाओं के कारण 1.5 लाख गेहूं की फसल खेतों में गिरकर बर्बाद हो गई है।