India News(इंडिया न्यूज़), Diwali 2023: हर साल दिवाली पर पूजा के लिए देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश की नई प्रतिमा या मूर्ति रखी जाती है। ऐसे में हर किसी के मन में यह सवाल उठता है कि दिवाली पूजा के लिए बाजार में उपलब्ध अलग-अलग मूर्तियों में से हमें कौन सी मूर्ति चुननी चाहिए। दिवाली के दिन भगवान गणपति और धन की देवी देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है। हर साल दिवाली पूजन के दौरान देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश की नई प्रतिमा या प्रतिमा रखी जाती है। दिवाली पूजा के लिए बाजार में उपलब्ध किसी भी प्रकार की लक्ष्मी गणेश की मूर्ति खरीदने से पहले आपको कुछ बातों का ध्यान रखना होगा।
• श्री लक्ष्मी गणेश को कभी भी एक साथ जुड़े हुए नहीं खरीदना चाहिए। पूजा घर में रखने के लिए लक्ष्मी और गणेश की ऐसी मूर्तियां लेनी चाहिए जिनमें दोनों मूर्तियां अलग-अलग हों।
• श्री गणेश की मूर्ति में उनकी सूंड बाएं हाथ की ओर मुड़ी होनी चाहिए। दायीं ओर मुड़ी हुई सूंड शुभ नहीं होती है। तने में दो मोड़ भी नहीं होने चाहिए। मूर्ति खरीदते समय हमेशा श्री गणेश जी के हाथ में मोदक लिए हुए मूर्ति ही खरीदें। ऐसी मूर्ति सुख-समृद्धि का प्रतीक मानी जाती है।
देवी लक्ष्मी की ऐसी मूर्ति न खरीदें जिसमें देवी लक्ष्मी उल्लू पर बैठी हों। ऐसी मूर्ति काली लक्ष्मी का प्रतीक मानी जाती है। देवी लक्ष्मी की ऐसी मूर्ति लेनी चाहिए जिसमें वह कमल पर बैठी हुई हों। उनका हाथ वर मुद्रा में हो और धन की वर्षा करता हो। देवी लक्ष्मी की ऐसी मूर्ति कभी न लाएं जिसमें वह खड़ी हुई हों। ऐसी मूर्ति देवी लक्ष्मी की प्रस्थान मुद्रा में तैयार की गई मानी जाती है।
वैसे भी भगवान गणेश लाल रंग और सफेद रंग के हैं, वहीं दूसरी ओर मिट्टी का निर्माण भगवान ब्रह्मा ने किया है। मिट्टी से बनी मूर्तियों की पूजा का प्रावधान हमारे धर्म शास्त्रों में भी मिलता है। हमारे धर्मग्रंथों में प्लास्टर ऑफ पेरिस से बनी मूर्तियों का जिक्र नहीं है, लेकिन सोने और चांदी की मूर्तियों की पूजा की जा सकती है।
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