India News(इंडिया न्यूज़), Diwali Special: दिवाली के दिन भगवान श्री राम 14 वर्ष के वनवास के बाद अयोध्या पहुंचे थे और उनके वापस लौटने की खुशी में लोगों ने उस दिन जश्न मनाया था और तब से हर साल दिवाली मनाई जाने लगी, लेकिन क्या आप जानते हैं कि दिवाली मनाने के कुछ और भी खास कारण हैं। लेकिन इस त्योहार से जुड़ी कई मान्यताएं और परंपराएं भी हैं। हैं। दिवाली मनाने का मुख्य कारण भगवान श्री राम से जुड़ा है। इसके अलावा आइए जानते हैं दिवाली किन कारणों से खास है।
द्वापरयुग में नरकासुर नाम के राक्षस का वध भगवान कृष्ण ने किया था क्योंकि उस राक्षस ने 16 हजार स्त्रियों का अपहरण कर लिया था। तब भगवान श्रीकृष्ण ने उन स्त्रियों को उनकी कैद से मुक्त कराया। नरकासुर के वध और उसके आतंक से मुक्ति की खुशी में हर साल कार्तिक मास की पूर्णिमा के दिन दीपक जलाए जाते हैं।
पौराणिक कथा के अनुसार कौरवों ने छल से पांडवों से उनका राज्य छीन लिया था और उन्हें 13 वर्ष के लिए वनवास पर जाना पड़ा था। जब पांडव वनवास से लौटे तो उनके और कौरवों के बीच महाभारत हुआ। युद्ध जीतने के बाद जब पांडवों ने नगर में प्रवेश किया तो नगरवासियों ने दीपक जलाकर उनका स्वागत किया और तब भी दिवाली मनाई गई।
एक अन्य कथा के अनुसार जब भगवान विष्णु ने वामन अवतार लेकर राजा बलि से तीन पग भूमि दान में ले ली और उसका सब कुछ छीन लिया तथा उसे सुतल लोक का राजा बना दिया। जब यह बात सुतल में रहने वाले लोगों को पता चली तो उन्होंने दीपक जलाकर उनका स्वागत किया। यद्यपि स्वर्ग सुरक्षित था, फिर भी देवताओं ने रोशनी का त्योहार मनाया। इसीलिए दिवाली मनाने की यह परंपरा चली आ रही है।
एक बार ऋषि दुर्वासा ने क्रोध में आकर इंद्र को श्राप दे दिया था कि स्वर्ग श्री विहीन हो जाएगा और इसी श्राप के कारण देवी लक्ष्मी को भगवान विष्णु के साथ स्वर्ग छोड़कर समुद्र में जाना पड़ा था। इसके बाद देवताओं और दानवों के बीच युद्ध हुआ और समुद्र मंथन हुआ तो उसमें से अनेक रत्नों के साथ देवी लक्ष्मी भी प्रकट हुईं। देवी लक्ष्मी ने भगवान नारायण को चुना था और तभी से यह दिवाली मनाई जाने लगी।
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