India News(इंडिया न्यूज़), Haunted Place: राजस्थान का कुलधरा गांव देश का भुतिया जगह माना जाता है। करीब दो साल पहले इस गांव से लोग रातों-रात पलायन कर गए थे। तब से इस गांव में कोई रहने नहीं आया और गांव वीरान हो गया। इस गांव को शापित भी कहा जाता है। इस गांव से एक दिल दहला देने वाली घटना जुड़ी है। जर्जर हालत में पड़े मकान आज भी उस घटना की गवाही देते हैं। आसपास के लोगों का कहना है कि यहां अक्सर भूतिया घटनाएं होती रहती हैं, जिसके कारण लोग यहां भूलकर भी नहीं जाते।
करीब 200 साल पहले कुलधरा गांव में पालीवाल ब्राह्मणों की एक बड़ी आबादी रहती थी। साल 1825 में लोगों ने अचानक यह गांव खाली कर दिया। ऐसा माना जाता है कि गांव छोड़ते समय लोगों ने श्राप दिया था कि जो भी इस गांव में बसने की कोशिश करेगा वह पूरी तरह से बर्बाद हो जाएगा। उस घटना के बाद यह शापित गांव रेगिस्तान में तब्दील हो गया। आख़िर क्या कारण था कि पालीवाल ब्राह्मणों और अन्य लोगों ने यह गांव खाली कर दिया? कहा जाता है कि कुलधरा गांव को पालीवाल ब्राह्मणों ने 1291 में बसाया था और उस समय यह एक समृद्ध गांव था। इस गांव में अधिकांश ब्राह्मण रहते थे और यहां खेती, पशुपालन और व्यापार के लिए उपयुक्त जमीन थी।
पालीवाल ब्राह्मण पाली के निवासी थे, लेकिन वे सभी 11वीं शताब्दी में पाली से विस्थापित हो गए और राजस्थान के विभिन्न स्थानों जैसे जोधपुर, जैसलमेर, साथलमेर, बीकानेर आदि में रहने लगे। मान्यता के अनुसार, राज्य के दीवान सलेम सिंह ने उसकी नजर गांव के एक ब्राह्मण की बेटी शक्ति मैया पर थी। वह उससे शादी करना चाहता था, वहीं दूसरी ओर गांव के ब्राह्मण अपनी बेटी की शादी किसी अन्य समुदाय में नहीं करना चाहते थे। इसके बाद सलेम सिंह ने गांव वालों को धमकी दी कि अगर उन्होंने उसकी शादी शक्ति मैया से नहीं कराई तो वह पूरे गांव को तबाह कर देगा। इसके बाद सभी ब्राह्मण रातों-रात गांव को वैसे ही छोड़कर चले गए। जाते-जाते उन्होंने यह भी श्राप दिया कि जो भी इस गांव में बसने की कोशिश करेगा। वह पूरी तरह बर्बाद हो जाएगा।