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Indian Airlines: आसमान में अचानक गायब हो गए विमानों के GPS सिग्नल, एयरलाइंस अलर्ट पर

• LAST UPDATED : November 24, 2023

India News(इंडिया न्यूज़), Indian Airlines: पिछले कुछ दिनों में मिडिल ईस्ट के हवाई क्षेत्र में ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (जीएनएसएस) के जाम होने और स्पूफिंग के कई मामले सामने आए हैं। इन खबरों से चिंतित होकर सिविल एविएशन रेगुलेटर (DGCA) ने सभी भारतीय एयरलाइंस के लिए एक सर्कुलर जारी किया है। डीजीसीए सर्कुलर का उद्देश्य एयरलाइंस को खतरे की प्रकृति और उस पर प्रतिक्रिया देने के तरीके के बारे में सचेत करना है।

मामला क्या हैं

डीजीसीए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि मध्य पूर्व हवाई क्षेत्र में ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम के हस्तक्षेप की बढ़ती खबरों के मद्देनजर 4 अक्टूबर को एक आंतरिक समिति का गठन करने के बाद सर्कुलर जारी किया गया है। इस सर्कुलर में सुरक्षा संबंधी खतरों को कम करने पर जोर दिया गया है। विशेष रूप से उड़ान के दौरान ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम को जाम होने से बचाने और स्पूफिंग खतरों से निपटने के प्रयास किए गए हैं। सितंबर के अंत में, नेविगेशन सिस्टम जाम हो जाने के बाद ईरान के पास कई वाणिज्यिक उड़ानें रोक दी गईं। इनमें से एक उड़ान स्पूफिंग का शिकार हो गई और लगभग बिना अनुमति के ईरानी हवाई क्षेत्र में उड़ गई।

स्पूफिंग कैसे काम करती है?

मिडिल ईस्ट के कुछ हिस्सों में उड़ान भरने वाले विमानों को शुरू में नकली जीपीएस सिग्नल मिलते हैं। इस सिग्नल का मकसद विमान में इन-बिल्ड सिस्टम को गलत संदेश देना है। सिग्नल अक्सर इतना तेज़ होता है कि विमान का सिस्टम उसे सही समझने लगता है। परिणाम यह होता है कि जड़त्वीय संदर्भ प्रणाली (आईआरएस) कुछ ही मिनटों में अस्थिर हो जाती है। कई मामलों में विमान अपनी सभी नेविगेशन क्षमताएं खो देता है।

किन इलाकों में हुईं ऐसी घटनाएं?

डीजीसीए की चिंता का प्राथमिक क्षेत्र उत्तरी इराक और अजरबैजान का व्यस्त हवाई क्षेत्र है। एरबिल के पास ऐसी कई घटनाएं हो चुकी हैं। इस साल सितंबर तक 12 अलग-अलग घटनाएं दर्ज की गईं, जिनमें से नवीनतम घटना 20 नवंबर को अंकारा के पास तुर्की में दर्ज की गई। हालांकि अभी तक किसी अपराधी की पहचान नहीं हो पाई है।

DGCA सर्कुलर में क्या है?

डीजीसीए के एक अधिकारी कहते है कि, “सर्कुलर इस मामले पर सर्वोत्तम प्रथाओं, नवीनतम विकास और आईसीएओ मार्गदर्शन पर विचार करते हुए आने वाले खतरे से निपटने के लिए समिति की सिफारिशों पर आधारित है। इसमें आपात स्थिति का आकलन कर उस खतरे को न्यूनतम स्तर पर लाने की सलाह दी गई है।अधिकारी ने कहा, “यह एएनएसपी को समस्या-समाधान के साथ-साथ प्रतिक्रियाशील खतरे की निगरानी, ​​डेटा के साथ खतरा निगरानी और विश्लेषण नेटवर्क स्थापित करने के लिए एक तंत्र भी प्रदान करता है।”

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