India News(इंडिया न्यूज),Ram Mandir: 22 जनवरी को अयोध्या में होने वाले राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा को लेकर न सिर्फ अयोध्या नगरी में बल्कि देश-विदेश में तैयारियां चल रही हैं। इसी बीच राम मंदिर में स्थापित होने वाली रामलला की मूर्ति की पहली तस्वीर सामने आ गई है। सामने आई तस्वीरों के अनुसार, पालकी में विराजित रामलला को मंदिर परिसर में भ्रमण कराया गया है। हालांकि, यह असली मूर्ति नहीं है जो गर्भगृह में स्थापित होगी और न ही इस मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। इसे प्रतीकात्मक मूर्ति बताया जा रहा है जिसका आज मंदिर परिसर में भ्रमण करवाया गया है।
अयोध्या के राजा प्रभु तो राम आ रहे हैं लेकिन क्या आपको पता है, कौन हैं कलियुग में अयोध्या के राजा कौन हैं ? अगर नहीं तो इस रिपोर्ट को पढ़िए !
ऐसी मान्यता है कि कलियुग में अयोध्या के राजा हनुमान जी है। बता दें, अयोध्या के हनुमानगढ़ी मंदिर को अधोध्या का सबसे प्रसिद्ध हनुमान मंदिर माना जाता है। कहते हैं कि ये वहीं जगह है जिसे भगवान राम ने लंका से लौटने के बाद अपने प्रिय भक्त हनुमान को रहने के लिए दी थी। इस मंदिर की स्थापना करीब 300 साल पहले स्वामी अभयराम जी ने की थी।
ऐसी भी मान्यता है कि है कि अयोध्या में आने से पहले हनुमागढ़ी में विराजमान बजरंगबली के दर्शन करने चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि श्री राम ने जब हनुमान जी को ये मंदिर दिया था तब उन्होंने कहा था अयोध्या में आने पर भक्त सबसे पहले हनुमान जी के दर्शन करेंगे।
इस मंदिर को लेकर अलग-अलग मान्यताएं हैं। माना जाता है कि हनुमान जी यहां हर समय मौजूद रहते हैं। इसके अलावा कहा जाता है कि कोई भी भक्त अगर हनुमान जी को लाल चोला चढ़ाता है तो उसे सभी तरह के दोषों से छुटकारा मिलती है।
जानकार कहते हैं , इस मंदिर में हनुमान जी से जुड़े कई निशान रखें हैं। कहते हैं कि ये लंका से जीत के बाद लाए गए निशान हैं। जिसमें हनुमान निशान सबसे बड़ा है। रिपोर्ट्स कहती हैं कि ये आठ मीटर लंबा और चार मीटर चौड़ा है।
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