India News(इंडिया न्यूज़), Lohri 2024: लोहड़ी को पहले तिलोड़ी के नाम से जाना जाता था। यह शब्द तिल और गुड़ से मिलकर बना है। समय के साथ तिलोड़ी परिवर्तित होकर लोहड़ी बन गई और इसी नाम से प्रसिद्ध हुई। पंजाब के इस प्रमुख त्यौहार को आज भी कई क्षेत्रों में लोई कहा जाता है।
लोहड़ी का त्यौहार हर साल वसंत ऋतु के आगमन पर मनाया जाता है। लोहड़ी का त्यौहार शौश माह के आखिरी दिन मनाया जाता है। अगले दिन सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है और मकर संक्रांति मनाई जाती है। जिसके साथ ही माघ माह की शुरुआत हो जाती है।
लोहड़ी के दिन शाम को आग जलाकर परिक्रमा की जाती है और आग के चारों ओर चक्कर लगाए जाते हैं और नाच-गाकर इस त्योहार को मनाया जाता है। आग में तिल, गुड़ और मूंगफली डाला जाता है।
जब आपके घर में नई शादी हुई हो या बच्चे का जन्म हुआ हो तो लोहड़ी का त्योहार विशेष महत्व रखता है। पंजाबी और सिख समुदाय में शादी के बाद पहली लोहड़ी और नवजात शिशु की पहली लोहड़ी बहुत धूमधाम से मनाई जाती है।
लोहड़ी का संबंध खेतों और फसलों से है। इस दिन खेतों में नई फसलें लगाई जाती हैं। लोहड़ी का त्यौहार फसलों की बुआई और कटाई से जुड़ा है।
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