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Lord Ganesh: भगवान गणेश ने मूषक यानी चूहे को क्यों बनाया अपना वाहन, जाने पौराणिक कथा

• LAST UPDATED : November 29, 2023

India News(इंडिया न्यूज़), Lord Ganesh: गणेश जी का वाहन भगवान गणेश सनातन धर्म के प्रथम पूज्य देवता हैं। गणेश चतुर्थी को देशभर में भगवान गणेश के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। भगवान गणेश द्वारा चूहे को अपना वाहन बनाने के पीछे कई पौराणिक कथाएं हैं। आइए जानते हैं इससे जुड़ी दिलचस्प कहानी। क्या आपने कभी सोचा है कि भगवान गणेश ने इतने छोटे और कमजोर जीव को अपने वाहन के रूप में क्यों चुना? आइए जानते हैं इसकी वजह। हिंदू धर्म में भगवान गणेश को बुद्धि के देवता के रूप में पूजा जाता है। ऐसा माना जाता है कि अगर किसी भी शुभ कार्य को शुरू करने से पहले भगवान गणेश की पूजा की जाए तो वह कार्य निर्विघ्न संपन्न हो जाता है। इसीलिए उन्हें विघ्नहर्ता भी कहा जाता है।

ऋषि वामदेव के शाप से चूहे की उत्पत्ति हुई

पौराणिक कथा के अनुसार, भगवान इंद्र के दरबार में क्रोंच नाम का एक गंधर्व था। जब इंद्र का दरबार चल रहा था तो क्रौंच हंसी-मजाक में व्यस्त था जिससे दरबार में बाधा उत्पन्न हो रही थी। इसी दौरान क्रौंच ने मुनि वामदेव पर पैर रख दिया, जिससे मुनिदेव बहुत क्रोधित हो गए और गुस्से में आकर उन्होंने क्रौंच को श्राप देकर चूहा बना दिया। लेकिन इस घटना के बाद भी वह नहीं सुधरे। चूहे के रूप में उसने ऋषि पराशर के आश्रम में खूब उत्पात मचाया। उसने मिट्टी के बर्तन तोड़ डाले और सारा अनाज खा लिया तथा बगीचे को पूरी तरह से नष्ट कर दिया।

पराशर ऋषि भगवान गणेश की शरण में पहुंचे (Lord Ganesh)

इससे परेशान होकर ऋषि पराशर भगवान गणेश की शरण में पहुंचे और उन्हें अपनी पूरी कहानी सुनाई। तब गणेश जी ने कहा कि मैं इस चूहे को अवश्य सबक सिखाऊंगा। भगवान गणेश ने चूहे को पकड़ने के लिए अपना पाश फेंका तो वह फंस गया। जब उसे भगवान गणेश के सामने प्रस्तुत किया गया तो वह भगवान से अपने जीवन की भीख मांगने लगा। तब भगवान गणेश को उन पर दया आ गई और उन्होंने उन्हें अपना वाहन बना लिया।

टूटे हुए दांत से हमला

एक बार गजमुखासुर नामक शक्तिशाली राक्षस ने देवताओं को बहुत परेशान किया। इससे परेशान होकर सभी देवता भगवान गणेश के पास आए और उनसे मदद मांगने लगे। भगवान श्री गणेश ने देवताओं की इस प्रार्थना को स्वीकार कर लिया और गजमुखासुर से युद्ध किया। इस युद्ध के दौरान भगवान गणेश का एक दांत टूट गया जिससे गणपति बहुत क्रोधित हुए। तब उन्होंने अपने टूटे हुए दाँत से गजमुखासुर पर प्रहार किया जिससे वह भयभीत हो गया और अपनी जान बचाकर भागने लगा। लेकिन गणेशजी ने उसे पकड़ लिया। तब अपनी मृत्यु के भय से वह भगवान गणेश से क्षमा मांगने लगा। तब भगवान ने उन पर दया की और उन्हें अपना वाहन बना लिया।

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