India News(इंडिया न्यूज़), Magh Purnima 2024: शनिवार, 25 फरवरी 2024 को माघ मास की पूर्णिमा है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार यह माघ महीने की आखिरी तिथि है, इसके अगले दिन यानी 25 फरवरी से फाल्गुन मास शुरू हो जाएगा। इस पूर्णिमा को माघी पूर्णिमा कहा जाता है। ज्योतिषियों के अनुसार माघी पूर्णिमा पर पवित्र नदियों में स्नान करने की परंपरा प्राचीन काल से चली आ रही है। ऐसे में आज हम आपको माघी पूर्णिमा की पौराणिक व्रत कथा बताने जा रहे हैं। ब्रह्मवैवर्त पुराण में यह भी बताया गया है कि पूर्णिमा के दिन श्री हरि विष्णु पवित्र नदियों में निवास करते हैं। ऐसे में अगर आप पूरे माघ महीने में नदी में स्नान नहीं कर पाए हैं तो माघ पूर्णिमा पर स्नान जरूर करें।
पौराणिक कथा के अनुसार, शुभ्रवत नाम का एक विद्वान ब्राह्मण नर्मदा नदी के तट पर रहता था लेकिन वह बहुत लालची था। उनका मकसद किसी भी तरह पैसा कमाना था। ऐसा करने से वे समय से पहले बूढ़े दिखने लगते हैं और कई बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं। इसी बीच उसे एहसास हुआ कि उसने अपना पूरा जीवन पैसा कमाने में ही बिता दिया है और अब उसका उद्धार कैसे होगा।
इसी क्रम में उन्हें माघ मास में स्नान का महत्व बताने वाला एक श्लोक याद आ गया। इसके बाद स्नान का संकल्प लेकर ब्राह्मण नर्मदा नदी में स्नान करने लगे। करीब 9 दिन तक नहाने के बाद उनकी तबीयत खराब होने लगी। स्वास्थ्य बिगड़ने के कारण उनकी मृत्यु का समय आ गया। वे सोच रहे थे कि जीवन में सम्मान न करने के कारण उन्हें नरक में कष्ट भोगना पड़ेगा। लेकिन असल में उन्हें माघ माह में केवल 9 दिन स्नान करने से ही मोक्ष की प्राप्ति हुई थी।
माघ पूर्णिमा के दिन सूर्योदय से पहले गंगा स्नान करना चाहिए। यदि गंगा में स्नान करना संभव न हो तो आप पानी में गंगा जल मिलाकर भी स्नान कर सकते हैं। स्नान के बाद ॐ घृणि सूर्याय नम: मंत्र का जाप करते हुए सूर्य देव को अर्घ्य दें। इसके बाद लक्ष्मी-नारायण की पूजा शुरू करें। भगवान को मोली, रोली, कुमकुम, फल, फूल, पंचगव्य, पान, सुपारी, दूर्वा आदि चीजें चढ़ाएं। अंत में आरती और प्रार्थना करें। इसके बाद दिन में जितना हो सके दान करें। शाम को चंद्रमा को अर्घ्य दें।