India News(इंडिया न्यूज़), Ram Mandir: अयोध्या में 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद एक और रस्म ओर निभाई जाएगी और वह होगी नामकरण संस्कार की। बता दें, इस रस्म को निभाने के बाद गर्भ ग्रह में विराजमान होने वाले रामलला का भी एक नाम होगा। बता दें, धर्मनगरी अयोध्या नगरी में बहुत सारे मंदिर हैं। जिनमें भगवान राम और माता सीता की प्रतिमाएं मौजूद हैं। इन सभी को अलग-अलग नाम से जाना जाता है।
मालूम हो, रामलला प्राण प्रतिष्ठा के बाद नामांकन संस्कार की पद्धति को पूरा किया जाएगा फिर उनका अपना नाम होगा। इस संदर्भ में आचार्य दुर्गा प्रसाद ने जानकारी देते हुए बताया कि इस प्रक्रिया को पूरा करने की जिम्मेदारी PM मोदी को दी गई है। उन्होंने बताया कि इस प्रक्रिया में पहली बार यजमान विग्रह को स्पर्श करता है। ऐसी प्रचलित मान्यता है कि इस स्पर्श करने मात्र से ही अलौकिक शक्ति की प्राप्ति होती है।
बता दें, आचार्य दुर्गा प्रसाद ने यह भी बताया कि यह प्रक्रिया सूक्तों के पारायण के बीच होगी, जिसमें प्रायः यजमान अपने हृदय व विग्रह के हृदय पर हाथ रखकर इसे संपादित करता है। यह असाधारण वैदिक प्रक्रिया है, जिसमें यजमान विग्रह में अपनी धड़कन का अनुभव करता है। चूंकी प्रधानमंत्री मुख्य यजमान हैं ऐसे में उन्हें यह अनूभूती प्राप्त होगी। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि एक मनुष्य में वेद संगत तरीके से 16 तरह के संस्कार होते हैं। विवाह संस्कार, उपनयन संस्कार, गर्भधारण संस्कार इसी तरह से नामांकरण संस्कार भी होता है। इसी क्रम में प्राण प्रतिष्ठा के दिन भगवान का नामाकरण संस्कार होगा।
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