India News(इंडिया न्यूज़), Nitish Kumar: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विधानसभा और विधान परिषद में परिवार नियोजन के जो तरीके बताए, उसकी पूरे देश में निंदा हो रही है। लेकिन संविधान सभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन विधानसभा के बाद विधान परिषद में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जो कहा। वो तो और भी शर्मनाक था। दरअसल, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जनसंख्या नियंत्रण और परिवार नियोजन के उपाय बता रहे थे।
उनके बोलने का अंदाज और शब्द ऐसे थे कि सदन में बैठी सभी महिला एमएलसी अपना चेहरा छिपाने पर मजबूर हो गईं। सदन के अंदर शायद ही ऐसी असहज स्थिति पैदा हुई होगी।
सदन के अंदर जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने तरीके से यौन शिक्षा दे रहे थे तो करीब आधा दर्जन महिला एमएलसी मौजूद थी। उस वक्त मुख्यमंत्री नीतीश कुमार परिषद के ‘भीतर’, ‘अंदर-बाहर’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल कर रहे थे। आलम यह था कि सदन के अंदर बैठी पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी बगले झांकती नजर आई। उसने अपना मुँह बायीं ओर कर लिया। चेहरे पर असहजता के भाव साफ नजर आ रहे थे।
नीतीश कुमार के ठीक पीछे बैठी लेसी सिंह को सिर उठाने की भी हिम्मत नहीं हुई। जब तक नीतीश कुमार यौन शिक्षा पर अपना भाषण देते रहे, लेसी सिंह ने अपना सिर नहीं उठाया। राजद एमएलसी मुन्नी देवी साड़ी से अपना चेहरा छिपाती नजर आई। मुन्नी देवी को समझ नहीं आ रहा था कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार क्या कह रहे हैं।
ये सब बीजेपी एमएलसी निवेदिता सिंह को बर्दाश्त नहीं हुआ और वो सदन छोड़कर चली गई। इसके बाद जो हुआ वो सबने देखा। घर से बाहर आकर निवेदिता सिंह फूट-फूटकर रोने लगीं। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जिस भाषा का इस्तेमाल किया वह सदन के अंदर मौजूद सभी महिला एमएलसी को शर्मिंदा करने वाला था। महिला एमएलसी की हालत ऐसी हो गई कि उन्हें सदन के अंदर अपना चेहरा छुपाने पर मजबूर होना पड़ा।
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