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Italy: इटली की PM मेलोनी का Deepfake से बनाया अश्लील वीडियो, मेलोनी ने मांगा हर्जाना

• LAST UPDATED : March 21, 2024

India News Delhi (इंडिया न्यूज़), Italy: इटली के प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने डीपफेक वीडियो मामले में मुआवजे की मांग की है। 40 साल के आरोपी ने अपने 73 वर्षीय पिता के साथ मिलकर मेलोनी का वीडियो एक अमेरिकी वयस्क सामग्री वेबसाइट पर पोस्ट किया था। ब्रिटिश मीडिया बीबीसी के मुताबिक, आरोपी ने डीपफेक वीडियो मेलोनी के प्रधानमंत्री बनने से पहले यानी 2022 में बनाया था। इसमें जॉर्जिया का चेहरा एक एडल्ट फिल्म स्टार के चेहरे पर लगाया गया था। दोनों आरोपियों के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज किया गया था।

मेलोनी मुआवजे में मिलने वाली रकम दान करेंगी

मेलोनी की वकील मारिया गिउलिया मारोंगियू ने कहा- प्रधानमंत्री जो मुआवजा मांग रहे हैं, वह प्रतीकात्मक है। इस मुआवजे का मकसद ऐसे अपराधों की शिकार महिलाओं को यह संदेश देना है कि उन्हें अपनी आवाज उठाने से नहीं डरना चाहिए। यदि मुआवजा दिया जाता है, तो वह उस राशि को हिंसा की शिकार महिलाओं की मदद के लिए एक कोष में दान कर देंगी। वहीं मेलोनी की टीम की ओर से जारी बयान के मुताबिक, 2022 में अपलोड किए गए इस वीडियो को अब तक लाखों लोग देख चुके हैं। इतालवी कानून के अनुसार, कुछ मानहानि के मामलों में आपराधिक आरोप और यहां तक कि संभावित कारावास भी हो सकता है।

मोबाइल के जरिए पुलिस आरोपियों तक पहुंची

मेलोनी ने 1 लाख यूरो यानी करीब 90 लाख रुपये का मुआवजा मांगा है। वह इस मामले में 2 जुलाई को सासारी कोर्ट में गवाही देंगी। बीबीसी की रिपोर्ट में कहा गया है कि कथित वयस्क वीडियो अपलोड करने के लिए इस्तेमाल किए गए मोबाइल फोन के जरिए पुलिस आरोपियों तक पहुंची।

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इस तकनीक को बताया खतरनाक 

डीपफेक वीडियो को लेकर पीएम मोदी ने कहा था- ‘यह वीडियो AI की ताकत से बनाया गया है, लेकिन यह चिंता का विषय है। विविधताओं से भरे समाज में छोटी-छोटी बातों पर लोगों की भावनाएं आहत हो जाती हैं। वहां ये परेशानी खड़ी कर सकता है। जब एआई का प्रचार करने वाले लोग मुझसे मिले तो मैंने उनसे कहा कि यह सिगरेट पर लिखी चेतावनी की तरह है। इसी तरह मैंने कहा कि जो भी इसका इस्तेमाल करे, वहां चेतावनी लिखी होनी चाहिए कि ‘यह डीपफेक से बना है।

क्या है डीपफेक

आज के डिजिटल युग में कई बार इंटरनेट की मदद से गलत खबरें और भ्रामक सूचनाएं लोगों तक पहुंचाई जा रही हैं। ऐसे ही वीडियो भी बांटे जाते हैं। इसे डीपफेक कहा जाता है। इसमें असली और नकली की पहचान करना बहुत मुश्किल होता है। इसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक (एआई) और मशीन लर्निंग सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया जाता है। इनका उपयोग करके फ़ोटो, ऑडियो और वीडियो जैसी मीडिया फ़ाइलों की एक परिवर्तित प्रतिलिपि बनाई जाती है, जो बिल्कुल मूल फ़ाइल की तरह दिखती है। सरल भाषा में कहें तो डीपफेक मॉर्फ वीडियो का एक उन्नत रूप है।

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