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Road Accident: एक्सीडेेंट में घायलों को कैशलेस इलाज देगी सरकार, पूरे देश में लागू होगी स्कीम

• LAST UPDATED : December 5, 2023

India News(इंडिया न्यूज़), Road Accident: सड़क हादसों में ज्यादातर मौतें इलाज में देरी के कारण होती हैं। इस गंभीर मुद्दे को ध्यान में रखते हुए सरकार जल्द ही सड़क दुर्घटना के मामलों में मुफ्त इलाज की व्यवस्था करने जा रही है। ताकि घायलों को जल्द से जल्द मुफ्त इलाज मिल सके और उनकी जान बचाई जा सके। इसके लिए मोटर व्हीकल एक्ट में पहले ही बदलाव किए जा चुके हैं। आंकड़ों के मुताबिक, पिछले साल 4.46 लाख सड़क दुर्घटनाएं हुईं, जिनमें 4.23 लाख लोग घायल हुए और 1.71 लाख लोगों की मौत हो गई।

4 माह में सुविधा मिलनी शुरू हो जाएगी (Road Accident)

सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय इस संबंध में जल्द ही घोषणा कर सकता है। आने वाले 4 महीनों में यह सुविधा पूरे देश में लागू हो जाएगी। मोटर वाहन अधिनियम में मुफ्त और कैशलेस इलाज का नियम शामिल है। कुछ राज्यों में इस नियम का पालन किया जा रहा है। लेकिन अब इसे पूरे देश में लागू करने का समय आ गया है। इसलिए हमने स्वास्थ्य एवं परिवार मंत्रालय से पूरे देश में कैशलेस इलाज व्यवस्था लागू करने की अपील की है।

गोल्डन ऑवर के दौरान आप कहीं भी इलाज करा सकते हैं

मोटर व्हीकल एक्ट और सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक दुर्घटना में घायल लोगों का इलाज तुरंत नजदीकी अस्पताल में कराया जाना चाहिए। दुर्घटना के बाद के पहले कुछ घंटों को गोल्डन ऑवर कहा जाता है। यदि घायल व्यक्ति को उसी समय डॉक्टर के पास ले जाया जाए तो उसे तुरंत इलाज मिल जाएगा और उसके बचने की संभावना बढ़ जाएगी।

स्कूल-कॉलेजों में सड़क सुरक्षा पाठ्यक्रम किया जाएगा लागू

सड़क सुरक्षा के प्रति जागरुकता बढ़ाने के लिए सरकार स्कूल-कॉलेजों में यह कोर्स लागू करने जा रही है। इसके अलावा, भारत एनसीएपी भी लागू किया जा रहा है। इसमें सीट बेल्ट रिमाइंडर और वाहनों में तकनीकी बदलाव शामिल हैं।

4 लाख से ज्यादा दुर्घटनाएं, इतनी मौत

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के अनुसार, वर्ष 2022 में 4,46,768 सड़क दुर्घटनाएं हुईं। इनमें से 4,23,158 लोग घायल हुए और 1,71,100 लोगों की मौत हो गई। कुल सड़क दुर्घटनाओं में से 45.5 प्रतिशत दुपहिया वाहनों के कारण हुईं। इसके बाद कारों से होने वाली सड़क दुर्घटनाओं की हिस्सेदारी 14.1 फीसदी रही। इसमें ज्यादातर हादसे तेज रफ्तार के कारण हुए और 1 लाख से ज्यादा लोगों की जान चली गई।

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