India News(इंडिया न्यूज़), Shani Dev: शनि देव को फल दाता और न्याय का देवता कहा जाता है। ये छोटी-छोटी गलतियों पर बहुत जल्दी गुस्सा हो जाते हैं और इसकी सजा भी देते हैं। ऐसे में शनिदेव की नाराजगी आपको भारी पड़ सकती है। इसलिए शनिदेव की पूजा करते समय नियमों का पालन करें और पूरी सावधानी बरतें। शनिदेव की पूजा को लेकर जितने नियम हैं, उतने ही सवाल लोगों के मन में हैं। क्या महिलाओं को शनिदेव की पूजा करनी चाहिए?
आपको बता दें कि महिलाएं भी शनिदेव की पूजा कर सकती हैं। लेकिन महिलाओं को शनिदेव की पूजा के दौरान विशेष सावधानियां बरतने की जरूरत होती है। अगर महिलाएं शनिदेव की पूजा के दौरान इन नियमों का पालन नहीं करती हैं तो उन्हें शनिदेव की नाराजगी का सामना करना पड़ सकता है। आइए जानते हैं महिलाओं के लिए शनिदेव की पूजा के क्या नियम हैं।
शनिदेव लोगों के कर्मों पर नजर रखते हैं, चाहे वे अच्छे कर्म हों या बुरे कर्म। अगर किसी महिला की कुंडली में शनि दोष या शनि की महादशा है तो वह इसे दूर करने के लिए शनिवार के दिन शनिदेव की पूजा कर सकती है। लेकिन इस दौरान इस बात का विशेष ध्यान रखें कि महिलाएं पूजा करते समय गलती से भी शनिदेव की मूर्ति को न छुएं। शास्त्रों के अनुसार शनिदेव की मूर्ति छूने से महिलाओं पर शनि की नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव पड़ता है।
इसके साथ ही महिलाओं को शनिदेव की मूर्ति पर तेल लगाना भी वर्जित माना जाता है। अगर आप शनिदेव को प्रसन्न करना चाहते हैं तो आप शनिदेव के मंदिर में सरसों के तेल का दीपक जला सकते हैं। इसके साथ ही आप शनिवार के दिन शनि से संबंधित चीजें जैसे सरसों का तेल, काले कपड़े, काले जूते, लोहे के बर्तन, काली उड़द की दाल, काले तिल आदि का दान कर सकते हैं। इससे कुंडली में शनि दोष भी शांत होता है।