India News(इंडिया न्यूज़), Surya Dev: रविवार का दिन भगवान सूर्य की आराधना का दिन है। सूर्य को ग्रहों का राजा और एकमात्र देवता माना जाता है। सूर्य को आत्मा का प्रतीक माना जाता है। जिस सूर्य को हम देख सकते हैं उसके भी 12 नाम हैं। ये नाम अपनी अलग – अलग विशेषताओं के कारण हैं। भगवान सूर्य ने मय नामक राक्षस को भी ज्योतिष शास्त्र का ज्ञान दिया था। भगवान सूर्य की पूजा करने के लिए उनके 12 नामों का जाप किया जाता है। ये 12 नाम क्या हैं और इनका क्या मतलब है?
भगवान सूर्य, ऋषि कश्यप और अदिति के पुत्र होने के कारण माता अदिति के नाम पर इनका नाम सूर्य रखा गया है। अदिति का अर्थ है जो राग और द्वेष से ऊपर है और जिसे कोई नियंत्रित नहीं कर सकता।
वेदों के अनुसार सृष्टि का आरंभ चैत्र मास के शुक्ल पक्ष के रविवार के दिन हुआ। जिस कारण उनका एक नाम आदिदेव पड़ा।
ऐसा कहा जाता है कि जिस दिन सृष्टि की शुरुआत हुई उस दिन रविवार था। इसीलिए सप्ताह की शुरुआत भी रविवार से होती है।
दिन की शुरुआत सूर्य है, इसलिए सूर्य को दिनकर भी कहा जाता है।
दिवाकर का अर्थ है रात या अंधेरे को खत्म करने वाला। अर्थात जिसके आगमन से अंधकार समाप्त हो जाता है उसे सूर्य कहते हैं।
भानु का अर्थ है ऐसी शक्ति जो सभी का कल्याण करती है।
प्रभा का अर्थ है सुबह और यही वह समय है जब सूर्य उदय होता है। इसीलिए उन्हें प्रभाकर का नाम दिया गया।
रश्मी का अर्थ है प्रकाश और मेट का अर्थ है किरण। अर्थात जिसके अंदर प्रकाश की हजारों किरणें हों उसे सूर्य कहते हैं।
इसका अर्थ है पृथ्वी पर शासन करने वाला। पृथ्वी भी सूर्य का एक ग्रह है।
सविता का अर्थ है निर्माता। सूर्य को सविता भी कहा जाता है क्योंकि वह संसार में प्रकाश देता करता है।
भगवान सूर्य सदैव विश्व भर में घूमते रहते हैं, इसलिए उनका एक नाम सूर्य पड़ा।
भगवान सूर्य सात घोड़ों के रथ पर सवार होते हैं। इसीलिए इनका एक नाम सप्तसती रखा गया।