India News(इंडिया न्यूज़),Opposition MPs suspended :17वीं लोकसभा का आखिरी शीतकालीन सत्र शुरू होते ही काफी सुर्ख़ियों में है। पहले, लोकसभा के सभी सुरक्षा घेरा को तोड़ 2 घुसपैठिए संसद के भीतर चले गए। जो संसद के इतिहास की सबसे बड़ी सुरक्षा चूक थी। उसके बाद सुरक्षा चूक पर बहस की मांग कर रहे विपक्ष के 143 सांसदों को लोकसभा और राज्यसभा से सस्पेंड कर दिया गया है. इन सांसदों पर संसद की कार्यवाही में व्यवधान का आरोप लगाया गया है.
बता दें, यह पहला मौका नहीं है जब किसी विषय पर बहस की मांग कर रहे सांसदों पर कार्रवाई की गई है। बात करे मोदी राज के दौरान तो अब तक 257 सांसदों पर निलंबन की कार्रवाई हो चुकी है। जो यह मनमोहन सिंह के कार्यकाल के दौरान हुई निलंबन कार्रवाई से तक़रीबन 400 फीसद से ज्यादा है। ऐसा इसलिए क्योंकि मनमोहन कार्यकाल के दौरान भी करीब 59 सांसदों पर निलंबन की कार्रवाई हुई थी।
मालूम हो, मनमोहन सिंह के 10 साल के कार्यकाल के दौरान 59 सांसदों का निलंबन हुआ था। इस निलंबन में लोकसभा के 52 और राज्यसभा के 7 सांसद थे। मनमोहन सरकार के पहले कार्यकाल यानी की 2004 से 2009 तक सिर्फ 5 सांसद निलंबित किए गए थे। हालाँकि कांग्रेस शासन में राजीव गांधी की सरकार में जरूर सबसे बड़ी निलंबन की कार्रवाई हुई थी। राजीव सरकार के दौरान निलंबन पर बात करे तो 63 सांसदों का निलंबन हुआ था। इसके अलावा इंदिरा सरकार में 3 सांसदों को सदन से निलंबित किया गया था।
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