India News(इंडिया न्यूज़), Virat Kohli: कोहली से जुड़े कई किस्से हैं, लेकिन एक किस्सा ऐसा भी है जिसने क्रिकेट फैंस को रुला दिया। दुनिया के बड़े से बड़े गेंदबाज़ों को थरथरा देने वाले बल्लेबाज़ का भी एक दिन टेस्ट हुआ था, जिसमें विराट पास हो गए और आज दुनिया उन्हें “किंग कोहली” कहती है। विराट कोहली यूं ही क्रिकेट के बादशाह नहीं बने। इसके पीछे उनके संघर्ष और बलिदान की कई कहानियां हैं।
बात साल 2006, 19 दिसंबर की है। तब कोहली 17 साल के थे। दिल्ली और कर्नाटक के बीच घरेलू मैच दिल्ली के फिरोजशाह कोटला में खेला जा रहा था। विराट को फोन आया कि उनके पिता की तबीयत खराब है। वह रात को घर से निकल गया। रात में ही पिता की हार्टअटैक से मौत हो गई। अगली सुबह विराट को मैदान पर लाया गया। एक तरफ था उनके पिता की मौत का गम तो दूसरी तरफ था उनका क्रिकेट। उन्होंने मैदान में उतरने का फैसला किया। कोहली ने कर्नाटक के खिलाफ 90 रन की पारी खेली और टीम को फॉलोऑन से बचाया। खेल ख़त्म होने के बाद वह अपने पिता के अंतिम संस्कार में गए।
2009 में विराट कोहली को श्रीलंका दौरे के लिए चुना गया। इसके बाद विराट कोहली ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। उन्होंने कई मौकों पर अकेले दम पर टीम इंडिया को जीत दिलाई है। कोहली 2011 वनडे विश्व कप और 2013 चैंपियंस ट्रॉफी जीतने वाली भारतीय टीम का हिस्सा थे।
विराट कोहली का सबसे बुरा दौर 2020 में आया। इस साल वह 22 मैचों में सिर्फ 842 रन ही बना सके। उनका औसत सिर्फ 36 का रहा। विराट इस साल एक भी शतक नहीं लगा सके।
विराट कोहली का बुरा दौर 2021 में भी जारी रहा। वह 24 मैचों में सिर्फ 964 रन ही बना सके। इस दौरान भी कोहली ने एक भी शतक नहीं लगाया. इसी दौरान उन्होंने कप्तानी भी छोड़ दी।
विराट ने एशिया कप में जोरदार वापसी की। उन्होंने अफगानिस्तान के खिलाफ तीन साल बाद शतक लगाया। ये विराट का टी20 इंटरनेशनल में पहला शतक था और बेहद खास था। उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ 82 रन बनाए और भारत को मैच जिताया।
साल 2023 विराट कोहली के लिए बेहद खास रहा है। कोहली ने वर्ल्ड कप में 700 से ज्यादा रन भी बनाए हैं। उन्होंने वनडे में 50 शतक लगाए हैं।
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