Dhanteras 2022: आज यानी 22 अक्टूबर को धनतेरस का त्योहार मनाया जा रहा है। कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को धनतेरस मनाया जाता है। इस दिन लोग शगुन के तौर पर सोना-चांदी, बर्तन या आभूषण खरीदते हैं। इस दिन श्री गणेश, धन के देवता कुबेर, औषधि के देवता धन्वंतरि तथा सुख, समृद्धि तथा वैभव की देवी महालक्ष्मी की पूजा विधि विधान से एक साथ करनी चाहिए। तो आइए जानते हैं कि धनतेरस पर गणेश-लक्ष्मी के अलावा और किन-किन देवताओं का पूजन विधि और पूजन मंत्र क्या होता है।
श्री गणेश जी को सबका आराध्य माना जाता है। यही कारण है कि सबसे पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है।
इसके बाद आप धनतेरस की पूजा शुरू करने से पहले इस मंत्र का जाप जरुर करें-
वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ ।
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा ॥
श्री गणेश की पूजा करने के बाद भगवान धन्वंतरि का पूजन शुरू करें-
अब आपको अपने परिवार के अच्छे स्वास्थ्य और भलाई के लिए प्रार्थना करते हुए इस मंत्र का जाप करना चाहिए।
ॐ नमो भगवते महा सुदर्शनाया वासुदेवाय धन्वन्तरये
अमृत कलश हस्ताय सर्व भय विनाशाय सर्व रोग निवारणाय
त्रैलोक्य पतये, त्रैलोक्य निधये
श्री महा विष्णु स्वरूप, श्री धन्वंतरि स्वरुप
श्री श्री श्री औषध चक्र नारायणाय स्वाहा
ऐसी मान्यता है कि धनतेरस के दिन जो भी व्यक्ति पूरे विधि विधान से भगवान कुबेर की पूजा करता है उसके घर में कभी धन संपत्ति की कमी नहीं रहती है। कुबेर देव की पूजा के दौरान इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि उनकी पूजा प्रदोष काल में ही हो।
धन देवता कुबेर कि पूजा करते समय इस मंत्र का जाप करें-
ऊँ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धनधान्याधिपतये धनधान्यसमृद्धिं में देहि दापय।
महालक्ष्मी की पूजा धनतेरस के दिन प्रदोष काल में ही होती है।
इसके बाद इस मंत्र का जाप करें-
ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद, ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्मयै नम:॥
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