Guru Nanak Jayanti 2022: गुरु नानक देव की जयंती कार्तिक पूर्णिमा को मनाई जाती है। इसे प्रकाश पर्व या गुरु पर्व भी कहा जाता है। आपको बता दे गुरु नानक जी सिख धर्म के संस्थापक थे। ऐसी मान्यता हैं कि इस दिन सिख धर्म के पहले गुरु, गुरु नानक देव का जन्म हुआ था। गुरु नानक पर्व को सिख समुदाय के लोग बड़े ही धूमधाम से मनाते हैं। बता दे इस दिन लोग भजन-कीर्तन करते हैं और वाहे गुरु का जाप करते हैं।
आपको बता दे गुरु नानक जी के जीवन की एक ऐसी खास घटना है। जिसे लोग आज तक भूल नहीं पाएं है, आज भी उनके के जेहन में जिंदा है। बता दे कि एक बार गुरु नानक ने मक्का मदीना की यात्रा पर इस्लाम धर्म के अनुयाइयों को बड़ी शिक्षा दी थी। गुरु नानक ने हाजी का भेष धारण करके अपने शिष्यों के साथ मक्का की यात्रा की थी। गुरु नानक की मक्का यात्रा का विवरण कई धर्म ग्रंथों और ऐतिहासिक किताबों में मिलता है। जैन-उ-लबदीन की किताब ‘तारीख अरब ख्वाजा’ में भी गुरु नानक की इस मक्का यात्रा का जिक्र है।
गुरु नानक जी का एक शिष्य मरदाना था जो मुस्लिम था। मरदाना ने गुरु नानक देव जी से कहा कि उसे मक्का जाना है क्योंकि ऐसा माना जाता है कि जब तक एक मुसलमान मक्का नहीं जाता तब तक वह सच्चा मुसलमान नहीं कहलाता है। गुरु नानक देव जी ने यह बात सुनी तो वह उसे साथ लेकर मक्का के लिए निकल पड़े। गुरु जी मक्का पहुंचे तो वह थक गए थे और वहां पर हाजियों के लिए एक आरामगाह बनी हुई थी तो गुरु जी मक्का की तरफ पैर करके लेट गए।
हाजियों की सेवा करने वाला खातिम जिसका नाम जियोन था वह यह देखकर बहुत गुस्सा हुआ और गुरु जी से बोला, क्या तुमको दिखता नहीं है कि तुम मक्का मदीना की तरफ पैर करके लेटे हो। तब गुरु नानक ने कहा कि वह बहुत थके हुए हैं और आराम करना चाहते हैं। उन्होंने जियोन से कहा कि जिस तरफ खुदा ना हो उसी तरफ उनके पैर कर दे। इस पर लोगों ने गुरु नानक देव जी के पैर घुमाकर काबा से उल्टी दिशा में कर दिए। जैसे ही उन्होंने नानक जी के पैर जमीन पर छोड़े और सिर उठाकर देखा तो हैरान रह गए, काबी उसी तरफ था जिधर उन्होंने नानक जी के पैर किए।
इस घटना का जिक्र सिख धर्म की सबसे पवित्र ग्रंथ ‘श्री गुरु ग्रंथ साहिब’ में किया गया है। तब जियोन को गुरु नानक की बात समझ में आ गई कि खुदा केवल एक दिशा में नहीं बल्कि हर दिशा में है। इसके बाद जियोन को गुरु नानक ने समझाया कि अच्छे कर्म करो और खुदा को याद करो, यही सच्चा सदका है।
ये भी पढ़े: धड़ल्ले से पंजाब में जल रही पराली, 32486 बढ़कर पहुंची कुल संख्या