India News (इंडिया न्यूज़) : आज शारदीय नवरात्रि का दूसरा दिन है। बता दें, यह दिन मां ब्रह्मचारिणी को समर्पित होता है। इस दिन पूरे विधि-विधान से माता रानी के ब्रह्मचारिणी स्वरूप की पूजा की जाती है। मान्यता है जो भक्त पूरे श्रद्धाभाव से मां के इस रूप की पूजा करते हैं उन्हें माता की विशेष कृपा मिलती है। मान्यता है मां ब्रह्मचारिणी हजारों वर्षों तक कठिन तपस्या करती रही थीं, इसलिए मां के इस स्वरूप को तपश्चारिणी भी कहा जाता है। हिन्दू मान्यता के अनुसार, मां ब्रह्मचारिणी की पूजा से व्यक्ति के अंदर संयम और त्याग की भावना आती है। तो आइये जानते हैं मां ब्रह्मचारिणी को कैसे करें प्रसन्न और पूजा -विधि।
बता दें, ब्रह्मचारिणी का अर्थ है, जो ब्रह्मा के द्वारा बताए गए आचरण पर चले। जो ब्रह्म की प्राप्ति कराती हो। जो हमेशा संयम और नियम से रहे। जीवन में सफलता के लिए सिद्धांत और नियमों पर चलने की बहुत आवश्यकता होती है। इसके बिना कोई मंजिल नहीं पाई जा सकती। अनुशासन सबसे ज्यादा जरूरी है। मान्यता है माँ ब्रह्मचारिणी की पूजा पराशक्तियों को पाने के लिए की जाती है। इनकी पूजा से कई सिद्धियां मिलती हैं।
वैदिक मान्यता के अनुसार, आज के दिन की पूजा कलश और भगवान गणेश की पूजा के साथ प्रारंभ करें। मां ब्रह्मचारिणी के पूजन में फूल, चंदन, रोली, अवश्य शामिल करें। मान्यतानुसार, मां ब्रह्मचारिणी को कमल का फूल अतिप्रिय है। इसलिए आज के दिन की पूजा में कमल का फूल अवश्य शामिल करें। मां को दूध से बनी कोई वस्तु का भोग लगाएं। तत्पश्चात दुर्गा सप्तशती का पाठ करें। पूजा के अंत में आरती करें और माता रानी के आगे अपनी मनोकामना को कहें।
“दधाना करपद्माभ्यं, अक्षमालाकमाली। देवी प्रसूदतु माई, ब्रह्मचार्यानुत्तमा ..”
“दधाना करपद्माभ्याम्, अक्षमालाकमंडलु। देवी प्रसीदतु माई, ब्रह्मचारिण्यानुत्तमा।।”
also read ; Navratri 2023: नवरात्रि पर वैष्णों देवी के करने हैं दर्शन? तो IRCTC का ये पैकेज आपके लिए है