भारत देश में मांग टीके को सौभाग्य की निशानी माना जाता है। वहीं हिंदू धर्म में इसे सोलह श्रृंगार विशेष महत्व में माना जाता है। इसी के साथ ही इसे खुशहाल परिवारिक की नज़रो से भी देखा जाता है। आपक लोग इस बात से तो जरूर रूबरू होंगे कि मांग टीके को हिंदू और मुस्लिम दोनों ही धर्म के लोग पहनता करते हैं। लेकिन क्या आप जानतें हैं टीका को बीच मांग में ही क्यों पहना जाता है? आइए जानतें हैं आखिरकार क्यों।
हिंदू धर्म में मांग टीका शादीशुदा महिला के सुहाग का प्रतीक होता है और हिंदू धर्म की महिलाएं इसे अपनी मांग के बीच में पहनती हैं। वेदों में इस बात का जिक्र किया गया है कि महिलाएं जब श्रृगांर करें तो उन्हें सबसे पहले मांग टीका धारण करना चाहिए। इसके पीछे की वजह है कि मांग में टीका पति के लगाए गए सिंदूर की रक्षा करता है।
दरअसल, मांग टीका माथे पर लटकता हुआ दोनों भवों के बीच तक पहुंचता है जिसकी वजह से इसे मांग के बीच पहना जाता है। मांग टीके को सिंदूर का रक्षक माना जाता है इसलिए सुहागिन महिलाओं को मांग में टीका जरूर पहनना चाहिए।
जब किसी लड़की का विवाह तय होता है उस समय उसके सोहल श्रृंगार के सामान में मांग टीका जरूर आता है। क्योंकि इसे सुहाग की निशानी माना जाता है इसके साथ ही वह दुल्हन की खूबसूरती में चार चांद लगा देता है।
इतना ही नहीं टीका पहनने के पीछे कई वैज्ञानिक कारण भी बताए जाते हैं। कहा जाता है कि मांग में टीका पहनने से सिर दर्द, तनाव और कई तरह की मानसिक समस्याएं दूर हो जाती हैं। इसके साथ ही इसे पहनने से शरीर का टेंपरेचर भी कंट्रोल रहता है।
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