India News(इंडिया न्यूज़)Malaria Vaccine: भारत ही नहीं बल्कि दुनिया भर में मलेरिया के मामले तेजी से बढ़े हैं। ऐसे में विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से ये खबर काफी राहत देने वाली है। इससे पहले साल 2021 में RTS,S/AS01 जारी किया गया था। इस वैक्सीन को ब्रिटेन की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने विकसित किया है। खास बात यह है कि आर21/मैट्रिक्स-एम वैक्सीन का निर्माण सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने किया है और इसे बुर्किना फासो, घाना और नाइजीरिया में इस्तेमाल के लिए पहले ही मंजूरी मिल चुकी है।
टीकाकरण पर विशेषज्ञों के रणनीतिक सलाहकार समूह (SAGE) और मलेरिया नीति सलाहकार समूह (MPAG) 25-29 सितंबर को आयोजित नियमित द्विवार्षिक बैठक के बाद ही WHO महानिदेशक ने हरी झंडी दी। इस बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने बच्चों में मलेरिया की रोकथाम के लिए इस वैक्सीन की सिफारिश करते हुए लोगों के साथ कई जानकारियां भी साझा कीं।WHO ने डेंगू के लिए नए टीकों की सिफारिशें की हैं। WHO ने पोलियो टीकाकरण कार्यक्रम से संबंधित कई सिफारिशें भी जारी की हैं।बच्चों को तेजी से बचाने और हमें मलेरिया मुक्त के हमारे दृष्टिकोण के करीब लाने के लिए यह दूसरा टीका जरूरी है।
-R21 वैक्सीन मलेरिया के संचरण को 75% तक कम करने में सहायक हो सकती है।
-पहली 3 खुराक के बाद 12 महीनों के दौरान वैक्सीन ने 66% प्रभावशीलता दिखाई।
-एक साल बाद चौथी खुराक भी मलेरिया से बचाव में कारगर दिखी।
डब्ल्यूएचओ के प्रमुख टेड्रोस एडनोम घेब्येयियस ने कहा, “एक मलेरिया शोधकर्ता के रूप में, मैंने उस दिन का सपना देखा था जब हमारे पास मलेरिया के खिलाफ एक सुरक्षित और प्रभावी टीका होगा, और अब हमारे पास दो हैं।” डब्ल्यूएचओ प्रमुख टेड्रोस एडनोम घेब्रेयेसस ने कहा, “लगभग दो साल पहले डब्ल्यूएचओ ने दुनिया की पहली मलेरिया वैक्सीन, जिसे आरटीएस,एस कहा जाता है, के इस्तेमाल की सिफारिश की थी। आर21/मैट्रिक्स-एम 2024 के मध्य तक देशों के लिए उपलब्ध होगा, जिसकी एक खुराक की कीमत 2 डॉलर से 4 डॉलर के बीच होगी।