India News(इंडिया न्यूज़), Noida: नोएडा और ग्रेटर नोएडा के 1.42 लाख फ्लैट खरीदारों को बड़ी राहत मिली है। दोनों शहरों में रुके हुए 190 से ज्यादा हाउसिंग प्रोजेक्ट्स को पूरा करने का रास्ता साफ हो गया है। रुकी हुई परियोजनाओं को पूरा करने के लिए केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय ने नीति आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष अमिताभ कांत की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया था। जिसकी सिफारिशें अब नोएडा और ग्रेटर नोएडा में लागू की जाएंगी। उत्तर प्रदेश सरकार ने अमिताभ कांत समिति की सिफारिशों को कुछ संशोधनों के साथ स्वीकार कर लागू करने के आदेश जारी किए थे।
अथॉरिटी के इस फैसले के बाद अब ग्रेटर नोएडा के करीब 75 हजार और नोएडा के 67 हजार फ्लैट खरीदारों को अपने सपनों का घर मिल सकेगा। मकानों की डिलीवरी के साथ ही कई सालों से अटका उनका रजिस्ट्रेशन का रास्ता भी साफ हो गया है। अब फ्लैट खरीदारों को प्रोजेक्ट पूरा होने के 3 महीने के भीतर मकान की रजिस्ट्री मिल जाएगी।
अमिताभ कांत समिति की सिफारिशों में रुकी हुई परियोजनाओं को पूरा करने के लिए ‘शून्य अवधि’ की छूट देने की सिफारिश की गई थी। इसलिए अब बिल्डरों को भी अथॉरिटी के इस फैसले का फायदा मिलेगा। बिल्डरों को प्राधिकरण का करीब 32 हजार करोड़ रुपये बकाया चुकाना है। अब ‘जीरो पीरियड’ छूट के तहत तय समय में प्रोजेक्ट पूरा करने वाले बिल्डरों को बकाया जमा करने के लिए लंबी अवधि मिलेगी।
हालांकि, अथॉरिटी ने साफ कर दिया है कि जो भी बिल्डर ‘जीरो पीरियड’ की शर्तों का उल्लंघन करेगा, उसे इस स्कीम का कोई फायदा नहीं मिलेगा। अमिताभ कांत समिति की सिफारिशों से केवल समूह आवास परियोजनाओं और आवास परियोजनाओं के साथ निर्मित वाणिज्यिक संपत्तियों को लाभ होगा। वहीं हाउसिंग प्रोजेक्ट्स से जुड़े मामले किसी कोर्ट या एनसीएलटी में लंबित हैं तो उन्हें यह लाभ तभी मिलेगा जब केस वापस ले लिया जाएगा।
स्पोर्ट्स सिटी प्रोजेक्ट्स और रिक्रिएशन एंटरटेनमेंट पार्क योजना के दायरे में आने वाली आवासीय परियोजनाएं इस छूट से बाहर रहेंगी। हालांकि, यह वाणिज्यिक, संस्थागत और औद्योगिक परियोजनाओं पर लागू नहीं होगा। केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय ने रुकी हुई परियोजनाओं को पूरा करने का समाधान खोजने के लिए 31 मार्च को अमिताभ कांत समिति का गठन किया था।
इसे भी पढ़े: