हिंदू पंचांग के मुताबिक आज सावन माह की पंचमी है और इसी तिथि पर नाग पंचमी का यह पर्व मनाया जाता है। आज के दिन नाग देवता की पूजा होती है। यह दिन पूर्ण रूप से नाग देवता के लिए समर्पित होता है।
नाग पंचमी पर नाग देवता की पूजा करने से व्यक्ति की कुंडली में जो कालसर्प दोष होता है वह खत्म हो जाता है। मान्यता है की नाग पंचमी के दिन नाग देवता की पूजा करने से हर मनोकामना अवश्य पूरी होती है। पौराणिक काल से ही सांपों को भी बिल्कुल देवताओं की तरह ही पूजा जाता है।
ऐसी मान्यता है कि नाग को पूजने से सांपों के डसने का डर समाप्त हो जाता है। भगवान भोलेनाथ के गले में भी नाग देवता का निवास रहता है। धार्मिक मान्यता के मुताबिक, आज के दिन नाग देवता की पूजा-अर्चना करने से भक्तों को उनके आशीर्वाद की प्राप्ति होती है और कई प्रकार के शुभ फल भी प्राप्त होते हैं। आइए जानते हैं नाग पंचमी की तिथि और पूजा विधि के बारे में।
नाग पंचमी श्रावण माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि 2 अगस्त 2022 के दिन पड़ी है। ऐसे में नाग पंचमी इस बार 02 अगस्त को मनाई जा रही है।
नाग पंचमी की शुरुआत 02 अगस्त की सुबह 5 बजकर 13 मिनट पर और समाप्ति 03 अगस्त सुबह 05 बजकर 41 मिनट पर होगी पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 5 बजकर 43 मिनट से शुरू होकर सुबह 8 बजकर 25 मिनट तक होगा।
नाग पंचमी के दिन अनन्त, वासुकी, पद्म, महापद्म, तक्षक, कुलीर, कर्कट, शंख, कालिया और पिंगल नामक देव नागों को पूजा जाता है। ऐसे में इस दिन पर अपने घर के दरवाजे पर सांप की आठ आकृति बनाएं। उसके बाद हल्दी, रोली, चावल और फूल चढ़ाकर नागदेवता की पूजा करें। मिष्ठान का भोग लगाएं और नाग देवता की कथा जरूर पढ़ें। पूजा समाप्त होने के बाद कच्चे दूध में घी, चीनी मिलाकर उसे लकड़ी पर रखे गए सांप को अर्पित कर दें।
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