India News(इंडिया न्यूज), world environment day, दिल्ली: कल विश्व पर्यावरण दिवस के खास मौके पर दिल्ली के त्यागराज स्टेडियम में पर्यावरण सम्मेलन का आयोजन किया गया था। इस सम्मेलन में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी शामिल हुए थे। अब केजरीवाल सरकार के दिल्ली के पर्यावरण को खूबसूरत और राजधानी को झीलों का शहर बनाने के लिए संकल्पबद्ध है। साथ ही दिल्ली की झीलों का अंतराष्ट्रीय स्तर पर संरक्षण और विकास करने का प्रयास कर रही है।
सीएम केजरीवाल ने अपने अधिकारिक ट्विटर अकाउंट से ट्वीट भी किया है। उन्होंने दिल्ली के शानदार पर्यावरण की तस्वीरें शेयर करते हुए लिखा है- ‘तिमारपुर में इस खुबसूरत झील और खुबसूरत परिवेश देखे। पूरी दिल्ली में ऐसी कई झीलें विकसित की जा रही है। दिल्ली झीलों का शहर बनता जा रहा है।’
सीएम केजरीवाल ने कहा कि प्रदूषण की शिकायतों के लिए एक पोर्टल बनाया गया है। जहां करीब 78,000 शिकायतें मिली है। दिल्ली में आसपास के राज्यों के कारखानों से निकली प्रदूषित हवा राजधानी को भी प्रदूषित करती है।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने झीलों की तस्वीरों को साझा किया । राजधानी की ये झीलें बेहद खुबसूरत दिख रही हैं। सीएम ने कहा कि ऐसी कई सारी झीलें दिल्ली में तैयार की जा रही है। सीएम ने कहा कि दिल्ली अब झीलों का शहर बन रहा है।
सीएम केजरीवाल दिल्ली के पर्यावरण को लेकर कहा कि दिल्ली अकेली ऐसी जगह है जहां पेड़ लगातार बढ़ रहे है। इस साल दिल्ली सरकार ने 52 लाख पेड़ लगाने का लक्षय रखा है। इसमें दिल्ली की जनता और दिल्ली सरकार मिलकर पेड़ लगाएंगे। दिल्ली में पेड़ काटने पर 10 पौधे लगाने का और जो पेड़ काटने पड़े, उन्हें उस जगह से हटाकर कहीम दूसरी जगह शीफ्ट किया जाए, ना कि काट कर गिरा दिया जाए, इस लक्षय के साथ प्रदूषण को कम करने के लिए काम किया जा रहा है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में पिछले आठ वर्ष में विकास की गति धीमी नहीं पड़ी हैं लेकिन प्रदूषण का स्तर जरूर कम हो गया हैं। विश्र्व पर्यावरण दिवस के मौके पर त्यागराज स्टेडियम में एक कार्यक्रम में केजरीवाल ने कहा कि शहर में 2016 के मुकाबले 2022 में पीएम 2.5 और पीएम 10 दोनों का स्तर ’30 प्रतिशत तक गिर गया है।’ उन्होंने कहा कि जब भी विकास होता है तो पेड़ो को काटने, सड़क निर्माण , धूल उड़ाने समेत अन्य वजहो से प्रदूषण भी होता है।
केजरीवाल ने कहा ‘दिल्ली में पिछले आठ वर्ष में विकास की गति कम नहीं हुई है। स्कूलों, अस्पतालों तथा फ्लाईओवरों का निर्माण किया जा रहा है लेकिन इस अवधि में प्रदूषण का स्तर जरूर कम हो गया है।’ उन्होंने कहा कि 2022 में ऐसे दिन केवल छह थे। उन्हेंने कहा कि 2016 में प्रदूषण का स्तर 109 दिन तक आसमान साफ रहने के साथ श्रेणी में और बाहर हवा काफी अच्छी दर्ज की गयी थी जबकि 2022 में ऐसे दिन 163 थे। केजरीवाल ने कहा कि शहर में 2013 में पेड़ आच्छादान प्रतिशत 20 फीसदी था जो आज बढ़कर 23 प्रतिशत हो गया है।