महाराणा प्रताप के नाम से थर-थर कांपता था अकबर, पढ़ें महाराणा की अमर कहानी

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महाराणा प्रताप एक महान योद्धा और युद्ध रणनीति कौशल में निपुण था।

1576 में महाराणा प्रताप का मुगल बादशाह अकबर के साथ हल्दी घाटी में युद्ध हुआ था।

महाराणा प्रताप ने अकबर की 85 हजार सैनिकों की सेना के विरुद्ध स्वतंत्रता के लिए कई वर्षों तक संघर्ष किया।

महाराणा प्रताप कुछ साथियों के साथ जंगल में जाकर छुप गये और जंगल के कंद-मूल खाकर युद्ध करते रहे।

30 वर्षों के लगातार प्रयास के बाद भी अकबर, महाराणा प्रताप को पकड़ नहीं सका।

कहा जाता है कि महाराणा प्रताप के पास हमेशा 104 किलो वजन की दो तलवारें रहती थीं।

यदि उनका सामना किसी निहत्थे से हो तो वे उसे एक तलवार दे सकें, वे निहत्थे पर आक्रमण नहीं करते थे।

जब मुगल सेना महाराणा प्रताप का पीछा कर रही थी, तब चेतक ने 26 फीट का नाला पार किया।

19 जनवरी 1597 को महाराणा प्रताप की मृत्यु हो गई। इस महाराणा की मृत्यु पर अकबर की आंखें भी नम हो गईं थीं।