सस्ते में चलेंगी कार और बाइक, वैज्ञानिकों ने की ऐसी खोज
कार्बन डाइऑक्साइड के बढ़ते उत्सर्जन को कम करने के लिए वैज्ञानिक अलग-अलग तरीके खोजने में लगे हुए हैं।
इसी दिशा में उत्तर प्रदेश के बनारस हिंदू विश्वविद्यालय ने बड़ी सफलता हासिल की है।
इसकी बढ़ती मांग के कारण विश्वविद्यालय के वनस्पति विज्ञान विभाग ने सूक्ष्म शैवाल से ईंधन बनाने में सफलता हासिल की है।
वैज्ञानिकों का उद्देश्य यह है कि जितना अधिक जैव ईंधन का उपयोग बढ़ेगा, उतना अधिक कार्बन उत्सर्जन रोका जा सकेगा।
शोधकर्ता के मुताबिक, बड़े पैमाने पर इसका उत्पादन करने पर एक लीटर तेल 30 रुपये में आसानी से बेचा जा सकता है।
मृत जीवों और पौधों से जीवाश्म ईंधन यानी कोयला, गैस, पेट्रोल-डीजल तेल बनने में कई साल लग जाते हैं।
शैवाल से बने तेल पर अमेरिकन सोसायटी फॉर टेस्टिंग एंड मैटेरियल्स के वैज्ञानिकों के अध्ययन के बाद इसे बनाने पर काम किया जाएगा।