हिंदुओं के विवाह पर कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कहा है कि कन्यादान की रस्म हिंदू विवाह अधिनियम में अनिवार्य नहीं है।
कोर्ट ने स्पष्ट किया कि हिंदू विवाह संपन्न करने के लिए सप्तपदी अनिवार्य है।
इस निर्णय के माध्यम से न्यायालय ने विवाह संपन्न करने के अन्य माध्यमों की प्रतिष्ठा बढ़ा दी।
अदालत ने एक आपराधिक मामले में गवाहों को दोबारा बुलाने की याचिका खारिज कर दी।
कोर्ट ने हिंदू विवाह अधिनियम की धारा सात का उल्लेख किया।
कन्यादान की रस्म न होने से विवाह की वैधता पर कोई असर नहीं पड़ता है।
न्यायालय ने विवाह अधिनियम के अनंतिम साधनों को महत्वपूर्ण बनाया।