सहमति से संबंध बनाना रेप हैं या नहीं, कोर्ट का बड़ा फैसला

महिला ने एक शख्स के खिलाफ आरोप लगाया कि उसने शादी का झांसा देकर उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए।

शादी का झांसा देकर शारीरिक संबंध से जुड़े मामले की सुनवाई के बाद दिल्ली हाई कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया। 

कोर्ट ने कहा जब तक वह शादी के झूठे वादे का सबूत नहीं देती, तब तक सहमति को धोखाधड़ी नहीं माना जा सकता।

उन्होंने कहा कि मामला अब दोनों पक्षों के बीच सुलझ गया है। अब दोनों की शादी हो चुकी है।

दोनों पक्षों ने अदालत को सूचित किया कि जोड़े ने अपने मतभेद सुलझा लिए हैं और कानूनी तौर पर शादी कर ली है। 

महिला ने स्वीकार किया कि आरोपी की शादी करने में अनिच्छा पारिवारिक दबाव के कारण थी, न कि अविश्वास या धोखे के कारण।

दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा, झूठे वादे का कोई सबूत नहीं होना चाहिए। अदालत ने IPC की धारा 376 के तहत कार्यवाही को रद्द कर दिया।