हीटवेव को हल्के में ना लें... हर साल ले लेती है ये हजारों जानें, जानिए कैसे

देश के तमाम राज्य गर्मी से झुलस रहे हैं, मौसम विभाग ने पूरे उत्तर भारत में हीटवेव का अलर्ट जारी किया है

हीटवेव का सीधा मतलब किसी इलाके में असामान्य रूप से बहुत ज्यादा तापमान, मौसम विभाग के मुताबिक जब किसी इलाके का तापमान सामान्य से 5 डिग्री सेल्सियस अधिक हो जाता है तो यह हीटवेव की कैटेगरी में आता है

मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के मुताबिक मैदानी इलाकों में कम से कम 40 डिग्री सेल्सियस या उससे अधिक और पहाड़ी इलाकों में कम से कम 30 डिग्री सेल्सियस या उससे अधिक टेंपरेचर को हीटवेव की स्थिति माना जाता है

तो हीटवेव की कंडीशन बनती क्यों है? IMD के मुताबिक जब ऊपरी वायुमंडल में उच्च दबाव वाला क्षेत्र मजबूत होता है और कई दिनों तक एक ही क्षेत्र में हवा का हाई प्रेशर बहुत ज्यादा रहता है तो हीटवेव की कंडीशन बनती है

भारत में हीटवेव को तीन कैटेगरी में बांटा गया है, येलो, ऑरेंज और सबसे आखिर में रेड अलर्ट. किसी क्षेत्र का तापमान सामान्य से 4.5 से 6.4 डिग्री ज्यादा है तो हीटवेव की कैटेगरी में आता है

आईएमडी के मुताबिक हीटवेव की वजह से बुजुर्गों, बच्चों और ऐसे लोग जिन्हें पहले से कोई बीमारी है, उन्हें ज्यादा दिक्कतें हो सकती हैं

हीटवेव के दिनों में हीट स्ट्रोक का खतरा कई गुना बढ़ जाता है,इसके अलावा डिहाइड्रेशन समेत दूसरी दिक्कतें भी हो सकती हैं

एक रिपोर्ट के मुताबिक, 1990 के बाद से 30 सालों में हीटवेव के चलते दुनिया भर में डेढ़ लाख से ज्यादा मौतें हुईं, इनमें से करीब 20% मौतें भारत में हुई हैं

हीटवेव कितनी खतरनाक है इसका अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि यूरोप में 2022 के दौरान 61000 से ज्यादा लोगों की मौत इससे हुई,रूस में साल 2010 में हीटवेव से 55000 लोगों की मौत हुई थी