इस मंदिर में आज भी धड़कता है भगवान का दिल!
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भगवान श्री कृष्ण की दिव्य लीलाएं न केवल मनमोहक हैं बल्कि आश्चर्यजनक भी हैं।
यह भगवान की दिव्य लीला ही है कि आज भी पुरी के जगन्नाथ मंदिर में रखी भगवान जगन्नाथ की लकड़ी की मूर्ति में दिल धड़कता है।
लकड़ी से बनी भगवान जगन्नाथ, भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा की मूर्तियों को हर 12 साल में बदल दिया जाता है।
इस दौरान भगवान जगन्नाथ की पुरानी मूर्ति से ब्रह्म पदार्थ निकालकर नई मूर्ति में रखा जाता है।
जब भी एक मूर्ति से दूसरी मूर्ति में ब्रह्म पदार्थ रखा जाता है। तब पूरे शहर की बिजली काट दी जाती है।
फिर पुजारी की आंखों पर पट्टी बांध दी जाती है।
मान्यता है कि इस पदार्थ में इतनी ऊर्जा होती है कि इसे देखने वाला मर सकता है या अंधा हो सकता है।