आने वाले समय में हमारी पृथ्वी पूरी तरह से बदल जाएगी वैज्ञानिकों के अनुसार ग्लेशियरों के पिघलने से समुद्र का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है।
प्रदूषण अगर इसी तरह बढ़ता रहा तो आने वाले दिनों में बढ़ती गर्मी के कई बुरे नतीजों को दुनिया को झेलना होगा।
बढ़ती गर्मी से तनाव बढ़ेगा, जिससे हार्ट से जुड़ी समस्याओं और स्ट्रोक में भी इजाफा होगा और शिशु मृत्यु दर में वृद्धि होगी।
पृथ्वी पर बढ़ रही कार्बन डाई ऑक्साइड समुद्र में भी घुल रही हैं। जिसके कारण वो अम्लीय हो रहे हैं जिससे कि कई समुद्री जीवों का अस्तित्व भी खतरे में है।
2020 के बाद से पृथ्वी की सतह पर तापमान में औसतन 1.1 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि हुई है। 2040 तक गर्मी के असर से तनाव और प्री टर्म बर्थ बढ़ेंगे व हमारे सोचने की क्षमता घट जाएगी।
साल 2040 तक हर 4 में से 1 बच्चा पानी की कमी वाले क्षेत्रों में होगा। वहीं, 2030 से 2050 के बीच बच्चों में दस्त, मलेरिया, गर्मी और कुपोषण जैसी बीमारियां बढ़ेंगी।
2030 तक बारिश का पैटर्न भी बदल जाएगा कहीं बहुत भारी वर्षा होगी तो कहीं बहुत कम। 2030 तक समुद्र जलस्तर में होने वाली वृद्धि के कारण सात एशियाई शहरों में कम से कम डेढ़ करोड़ लोग प्रभावित हो सकते हैं।