अब बदल जाएंगे लोन या कर्ज लेने के नियम, आम लोगों पर पड़ेगा असर

1 अक्टूबर के बाद बैंकों से लोन लेने का तरीका काफी बदल जाएगा।

इसके लिए बैंक की तरफ से की फैक्ट स्टेटमेंट (KFS) जारी किया जाएगा।

नए नियम के बाद लोन लेने वाला ग्राहक इसकी वास्तविक लागत जान सकेगा।

अभी बैंक की तरफ से प्रोसेसिंग फीस और ब्याज दर के अलावा कोई भी जानकारी ग्राहक को नहीं दी जाती है।

अब लोन लेने वाले ग्राहकों को एनुअलाइज्ड पर्सेंटेज रेट (APR) यानी लोन की कुल लागत बतानी होगी।

इससे ग्राहक को पता चल जाएगा कि उसने बैंक या NBFC से जो लोन लिया है उसकी वास्तविक लागत क्या है।

बैंकों द्वारा जारी किए जाने वाले केएफएस में लोन से जुड़ी सभी जानकारियां शामिल होंगी।

इससे ग्राहक को यह समझने में आसानी होगी कि उसके लिए लोन कितना महंगा है।

इससे ग्राहक एक बार में ही समझ जाएगा कि उसका लोन असल में कितना महंगा है।

अगर कोई बैंक आपको केएफएस देने से मना करता है, तो लोकपाल से शिकायत की जा सकती है।

शिकायत मिलने के 30 दिन के अंदर इसका समाधान करना जरूरी होगा।